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जहां उपचार की दरकार वहीं पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक हो रहे बीमार

जहां उपचार की दरकार वहीं पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक डेंगू की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। एलएनजेपी अस्पताल में एक और चिकित्सक डेंगू की चपेट में आ गया है। इससे पहले दो चिकित्सकों में संदिग्ध डेंगू के लक्षण मिले थे। स्वास्थ्य विभाग ने जिनका सैंपल नहीं मिलने की बात कहकर बात को टाल दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 07:50 AM (IST)
जहां उपचार की दरकार वहीं पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक हो रहे बीमार
जहां उपचार की दरकार वहीं पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक हो रहे बीमार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: जहां उपचार की दरकार वहीं पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक डेंगू की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। एलएनजेपी अस्पताल में एक और चिकित्सक डेंगू की चपेट में आ गया है। इससे पहले दो चिकित्सकों में संदिग्ध डेंगू के लक्षण मिले थे। स्वास्थ्य विभाग ने जिनका सैंपल नहीं मिलने की बात कहकर बात को टाल दिया। अब आपातकालीन विभाग में तैनात एक चिकित्सक और डेंगू की चपेट में हैं। सोमवार तक महिला चिकित्सक के प्लेटलेट्स गिरकर महज 35 हजार तक रह गए थे। हालांकि मंगलवार को प्लेटलेट्स कुछ बढ़े हैं। इससे पहले जिला सिविल सर्जन कार्यालय में पांच कर्मचारी और एलएनजेपी अस्पताल में तीन चिकित्सकों के डेंगू से प्रभावित होने के चलते अस्पताल के दूसरे कर्मचारी व चिकित्सक भी सहमे हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग है कि अब भी डेंगू की स्थिति को नियंत्रण में बता रहा है। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति की मौत

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श्रीकृष्णा नगर गामड़ी निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मौत समरी में डेंगू का जिक्र किया गया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग अब भी इस मौत को डेंगू से नहीं होने की बात कर रहा है। विभाग के मुताबिक पहले मरीज करनाल के निजी अस्पताल में दाखिल हुआ था, किसी और बीमारी को लेकर। उसे बाद में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इससे पहले पिछले वर्ष ही कृष्णा नगर गामड़ी में उस दौरान के थानेसर नगर परिषद वाइस चेयरमैन सुरेंद्र सिंह छिदा की मौत हो गई थी। स्टाफ और चिकित्सकों को इंफेक्शन होना सिर्फ एक संयोग : डॉ. सुखबीर

जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर ने बताया कि डेंगू का प्रभाव इस बार ज्यादा नहीं है। उनके कार्यालय में जो लोग बीमार हुए हैं उन्हें कहीं ओर से इन्फेक्शन हुआ है। कार्यालय के आसपास और एलएनजेपी अस्पताल में कहीं पर भी जांच के दौरान डेंगू का लारवा नहीं मिला है। ऐसे में साफ है कि यह इन्फेक्शन कहीं ओर से आया है। स्टाफ और चिकित्सकों को डेंगू होना महज एक संयोग है। इसे इस तरह से नहीं देखा जा सकता कि यहीं पर डेंगू का लारवा पनपा है। जिले में किसी की मौत डेंगू की वजह से नहीं हुई है। एक मरीज जो करनाल के किसी अस्पताल में दाखिल था वहां पर किसी और बीमारी से पीड़ित होकर गया था। इसके काफी दिनों बाद उसे डेंगू हुआ।


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