तबले की थाप से गुंजा विद्या भारती संस्थान
विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान एवं आरुण्य के संयुक्त तत्वावधान में शास्त्रीय संगीत संध्या ्नादरस का आयोजन विद्या भारती सभागार में किया गया। देर रात्रि तक चले इस कार्यक्रम का शुभारंभ मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के अंबाला मंडल के निदेशक संजय भसीन एवं विशिष्ट अतिथि प्रेरणा संस्था के संस्थापक जयभगवान ¨सगला ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान एवं आरुण्य के संयुक्त तत्वावधान में शास्त्रीय संगीत संध्या ्नादरस का आयोजन विद्या भारती सभागार में किया गया। देर रात्रि तक चले इस कार्यक्रम का शुभारंभ मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के अंबाला मंडल के निदेशक संजय भसीन एवं विशिष्ट अतिथि प्रेरणा संस्था के संस्थापक जयभगवान ¨सगला ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तबला गुरु एवं रचनाकार (पंजाब घराना) पंडित सुशील कुमार जैन को नादरस सम्मान से विभूषित किया गया। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ.रामेंद्र ¨सह एवं आरुण्य के सचिव डॉ.सुशील कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्यातिथि संजय भसीन ने कहा कि नादरस जैसे कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने की धरोहर हैं। बनारस और काशी का नाम संगीत के लिए अक्सर सुनते हैं, लेकिन कुरुक्षेत्र में इस प्रकार की विधाएं निरंतर देखने को मिलती हैं। इसके लिए विद्या भारती और आरुण्य जैसे संस्थान भी बधाई के पात्र हैं जो शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा दे रहे हैं। कार्यक्रम संयोजक एवं संस्थान के निदेशक डॉ.रामेंद्र ¨सह ने कहा कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान देश का एक ऐसा शैक्षणिक, सामजिक, सांस्कृतिक संगठन है जो शिक्षा के माध्यम से भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के लिए समर्पित है। इस अवसर पर पटियाला विश्वविद्यालय के डॉ. अलंकार ¨सह का गायन हुआ। उन्होंने राग बसंत से कार्यक्रम का समापन किया। उनके साथ तबले पर डॉ. ज्ञान सागर तथा हारमोनियम पर तरुण जोशी ने संगत की। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, डॉ.शकुंतला नागर, डॉ.शशि मित्तल, डॉ.आइसी मित्तल, परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम ¨सह, कैप्टन परमजीत ¨सह, डॉ. आरऋषि उपस्थित रहे।