केंद्र सरकार बुनकरों के लिए चला रहीं कई योजनाएं : सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि केंद्र सरकार बुनकरों के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। हथकरघा उद्योग किसी भी अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इन सभी को हस्तशिल्प में प्रशिक्षित और कौशल प्रदान करते हैं तो यह स्वरोजगार अपना कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं और स्वयं से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि केंद्र सरकार बुनकरों के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। हथकरघा उद्योग किसी भी अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इन सभी को हस्तशिल्प में प्रशिक्षित और कौशल प्रदान करते हैं तो यह स्वरोजगार अपना कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं और स्वयं से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
उन्होंने ये बात शुक्रवार को गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हिसार के केडीबी रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में करीब 70 लाख पंजीकृत कारीगर हैं। साल 2019-20 में भारत से हस्तशिल्प का 26 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ जो कुल विश्व निर्यात की तुलना में बहुत कम है। इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) हिसार के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा कि डेवलपमेंट कमिश्नर (हस्तशिल्प) मिनिस्ट्री आफ टेक्सटाइल केंद्र सरकार की ओर से जीजेयू हिसार को कई नए प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इन्हीं प्रोजेक्ट के तहत कुरुक्षेत्र में यह पहला सेमिनार आयोजित किया गया है। इससे विवि के पाठ्यक्रमों का हस्तकला के साथ संगम का अवसर मिला है। उनका प्रयास है कि युवा कुशल बने और स्वरोजगार स्थापित कर स्वावलंबी बने। युवाओं को कुशल बनाकर ही देश को जल्द विश्वगुरु के मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है। इसके काम के लिए जीजेयू बुनकरों को आधुनिक समय के हिसाब से कुशल बनाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि जीजेयू कुलपति प्रो. बलदेव राज कंबोज ने भी इस पहले सेमिनार के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। उन्होंने कहा है कि भारत के विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने का रास्ता कौशल विकास से होकर ही गुजरता है। जीजेयू के प्रोजेक्ट आफिसर एवं डीन एकेडमिक अफेयर गुरु जंभेश्वर विवि हरभजन बंसल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रोजेक्ट्स में विवि का यह एक अहम कदम है। वह ट्रेनिग कार्यक्रम आयोजित कर बुनकरों को रोजगार के अवसर देंगे। सहायक प्रोजेक्ट आफिसर गुरप्रीत कौर सैनी ने विवि प्रशासन और मिनिस्ट्री आफ टेक्सटाइल का धन्यवाद किया।
इस मौके पर सहायक निदेशक रविद्र, उपनिदेशक पुनीत शर्मा, हिमांशु, अश्विनी, अर्चना व वरुण मौजूद रहे।