श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए शिक्षक को समय के साथ खुद को बदलना जरूरी: कुलपति
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक के रूप में श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए शिक्षकों को समय के साथ खुद को बदलना अभ्यास व प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षण की नई विधाओं को सीखते हुए विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श बनकर उनके जीवन में बदलाव का माध्यम बनना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक के रूप में श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए शिक्षकों को समय के साथ खुद को बदलना, अभ्यास व प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षण की नई विधाओं को सीखते हुए विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श बनकर उनके जीवन में बदलाव का माध्यम बनना चाहिए। वे मंगलवार को विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से कॉलेजों व संस्थानों के शिक्षकों के लिए एक महीने के लिए आयोजित इंडक्शन ट्रेनिग कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुलपति ने कहा कि शिक्षक को सही अर्थों में शिक्षक होने का आभास हो जाए तो वह किसी देश के वर्तमान को नहीं बल्कि आने वाली पीढि़यों को तैयार कर देश का भविष्य बदल सकता है। एक अच्छे शिक्षक को इस बात का अहसास होना चाहिए कि उसे किसी समाज व राष्ट्र की आने वाली पीढि़यों को संवारने का मौका मिला है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने चुनिदा कुवि को फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर दिया है और उस केंद्र के तहत पहले इंडक्शन व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को लगने लगा है कि शिक्षकों की भी समय के साथ प्रशिक्षण होना चाहिए। इसके बिना शिक्षक समाज, देश व युवा पीढ़ी की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सकते।
केंद्र की प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर प्रो. नीरा वर्मा ने कहा कि इस केंद्र में निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ताकि शिक्षकों के शिक्षण व प्रशिक्षण में यह देश के श्रेष्ठ केन्द्रों में से एक बन सके। इस मौके पर कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. अशोक कुमार ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन शर्मा, डीन कॉमर्स प्रो.नरेंद्र सिंह, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. मंजुषा शर्मा, कुटा प्रधान डॉ. संजीव शर्मा, यूआइईटी के निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी मौजूद रहे। इंडक्शन कार्यक्रम के पहले दिन अंग्रेजी विभाग के सेवानिवृत्त प्रो. दिनेश कुमार ने अपने व्याख्यान दिए।