प्रदेश के 88 चिकित्सकों के तबादले, मुख्य अस्पताल की एमरजेंसी संभाल रहे तीन को सीएचसी और पीएचसी भेजा
पहले से ही लचर हालत में चल रही नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी के हालात बिगड़ सकते हैं। तीन चिकित्सकों को सरकार ने सीएचसी और पीएचसी भेज दिया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश में 88 चिकित्सकों के तबादले कर दिए हैं। यह इस सरकार के कार्यकाल में डॉक्टरों की पहली तबादला सूची है। इनमें से कुरुक्षेत्र के पांच चिकित्सकों का ट्रांसफर किया है। इनमें से तीन चिकित्सकों पर जिले के मुख्य लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग की जिम्मेदारी थी। इन्हें आपातकालीन विभाग से हटाकर जिले की सीएचसी व पीएचसी में भेजा है। इससे पहले से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अस्पताल को एक और झटका लगा है। यह तब है जब पहले से स्पेशलिस्ट सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर जा रहे हैं। आपातकालीन विभाग में अब दो ही चिकित्सक बच गए हैं। एलएनजेपी अस्पताल के आरएमओ डॉ. एसएस अरोड़ा ने बताया कि तबादले की सूचना अभी उनके पास नहीं है। प्रसूति विभाग में दो में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को पोलीक्लीनिक भेजा
प्रसूति विभाग में महज एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है। जिलेभर में आने वाली हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं को मुख्य अस्पताल के प्रसूति विभाग में रेफर किया जाता है ताकि यहां उन्हें ठीक से उपचार मिल सके। मगर स्वास्थ्य विभाग ने यहां पहले से कमी झेल रहे विभाग से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की ट्रांसफर सेक्टर चार स्थित पोलीक्लीनिक में कर दी है। पहले ही एलएनजेपी अस्पताल के प्रसूति विभाग से गर्भवती महिलाओं को रेफर करने की संख्या बढ़ रही थी ऐसे में जच्चा-बच्चा का संकट इन ट्रांसफर के बाद और बढ़ता नजर आ रहा है। आपातकालीन विभाग में बचे सिर्फ दो चिकित्सक
डॉ. बहादुर सिंह, डॉ. दिनेश शारदा और डॉ. नितिन कालड़ा एलएनजेपी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तैनात थे। इनमें से डॉ. बहादुर सिंह को एलएनजेपी अस्पताल से पीएचसी धुराला, डॉ. दिनेश शारदा को एलएनजेपी अस्पताल से सीएचसी लाडवा और डॉ. नितिन कालड़ा को एलएनजेपी से सीएचसी लाडवा ट्रांसफर कर दिया गया है। जबकि डॉ. मोहिद्रजीत सिंह को सीएचसी शाहाबाद से पीएचसी ठोल में ट्रांसफर किया गया है। एलएनजेपी अस्पताल के प्रसूति विभाग से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि तिवारी को सेक्टर चार स्थित पोलीक्लीनिक में ट्रांसफर कर दिया गया है। अब होगा ये
दरअसल आपातकालीन विभाग में पांच चिकित्सकों को तैनात किया गया था, जिनकी ड्यूटी रोटेशन में लगी हुई थी। इनमें से तीन चिकित्सकों के जाने के बाद अब आपातकालीन विभाग का जिम्मा भी स्पेशलिस्ट के कंधों पर आ जाएगा। इससे मरीज स्पेशलिस्ट के साथ-साथ मरीजों की समस्या भी बढ़ जाएगी। उनकी आपातकालीन ड्यूटियां लगेंगी तो ओपीडी व आपरेशन थियेटर का काम बाधित होगा।