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दीपावली पर इस बार 499 साल बाद दुर्लभ योग, दिखेगा ग्रहों का अद्भुत खेल

दीपावली पर इस बार ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा। 499 वर्ष बाद यह दुलर्भ संयोग बन रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:30 AM (IST)
दीपावली पर इस बार 499 साल बाद दुर्लभ योग, दिखेगा ग्रहों का अद्भुत खेल
दीपावली पर इस बार 499 साल बाद दुर्लभ योग, दिखेगा ग्रहों का अद्भुत खेल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दीपावली पर इस बार ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा। 499 वर्ष बाद यह दुलर्भ संयोग बन रहा है। इससे पहले 1521 में यह संयोग बना था। इस दिन गुरु ग्रह अपनी राशि धनु और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच रहेगा। इन तीनों ग्रहों का यह दुर्लभ योग वर्ष 2020 से पहले सन 1521 में 9 नवंबर को देखने को मिला था। उस वर्ष इसी दिन दीपोत्सव था। ऐसे में तंत्र-यंत्र की पूजा करना भी लाभदायक होगा। गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताते हैं कि

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14 नवंबर को चतुर्दशी है। यह दोपहर 1:16 तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ होगी। यह 15 नवंबर सुबह 10:00 बजे तक रहेगी। इस दिन केवल स्नान दान की अमावस्या की जाएगी। ऐसे में इस बार छोटी व बड़ी दीपावली एक ही दिन 14 नवंबर को होगी। धनतेरस 13 नवंबर को होगी।

धनतेरस का मुहूर्त धनतेरस का मुहूर्त शाम 5:34 से लेकर शाम 6:01 बजे तक है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5:28 से रात 8:07 बजे तक है। वृषभ काल मुहूर्त शाम 5:34 से शाम 7:29 बजे तक है। दिवाली पर इन्हें भी पूजें

दीवाली पर केवल महालक्ष्मी की ही नहीं बल्कि साथ ही साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना भी श्रद्धा पूर्वक की जानी चाहिए, तब ही मां प्रसन्न होती है। इसके अलावा इस दिन यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, हनुमानजी, कुल देवता व पितरों की भी श्रद्धापूर्वक पूजा करनी चाहिए। दीपावली पूजन विधि

पूजा वाली चौकी लें, उस पर साफ कपड़ा बैछाकर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करे।

दीपावली का तीन पूजा मुहूर्त

डा. रामराज कौशिक ने बताया कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों, घर और निशा पूजन के लिए अलग-अलग मुहूर्त हैं। शुभ मुहूर्त स्थिर वृष लग्न में शाम 5:16 से 7:13 बजे तक है। जिसमें पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। दीपावली के दिन के लक्ष्मी-गणेश और कुबेर के पूजन के लिए शाम को स्थिर वृष लग्न में 5:16 से रात 7:13 बजे तक का सबसे शुभ मूहूर्त रहेगा। इसी लग्न में घरों में गृहस्थों और प्रतिष्ठानों में व्यापारियों का पूजन करना उत्तम रहेगा। इसके अलावा दोपहर में 12:37 से 2:09 बजे तक स्थिर कुंभ लग्न में भी पूजन किया जा सकेगा। देर रात स्थिर सिंह लग्न में भी महानिशा पूजन मुहूर्त मिलेगा। देर रात 11:44 से 1:58 बजे तक महालक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं। शाम को गोधूलि बेला (सूर्यास्त से 24 मिनट पहले और बाद तक) भी पूजन कर सकते हैं।


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