Move to Jagran APP

दूसरे दिन भी स्मॉग का रहा प्रभाव, आंखों में जलन हो रही महसूस

दिवाली पर तो लोगों ने प्रतिबंधित समय के बाद पटाखे चलाए ही। दिवाली से अगले दिन मंगलवार को भी लोग मनमानी करने से नहीं माने और जमकर आतिशबाजी की। इसकी वजह से स्मॉग छाया रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 07:30 AM (IST)
दूसरे दिन भी स्मॉग का रहा प्रभाव, आंखों में जलन हो रही महसूस
दूसरे दिन भी स्मॉग का रहा प्रभाव, आंखों में जलन हो रही महसूस

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दिवाली पर तो लोगों ने प्रतिबंधित समय के बाद पटाखे चलाए ही। दिवाली से अगले दिन मंगलवार को भी लोग मनमानी करने से नहीं माने और जमकर आतिशबाजी की। इसकी वजह से स्मॉग छाया रहा। स्मॉग ने जहां दूसरे दिन भी सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ाई वहीं सामान्य लोगों की आंखों में भी चुभने लगा। सायं के समय लोग अपने घरों से मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलते हुए नजर आए। आसमान में बनी इस स्मॉग की सतह से लोगों को राहत मिलते हुए भी अभी नजर नहीं आ रही, क्योंकि बारिश के बाद ही स्मॉग खत्म होता है। मगर मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है।

loksabha election banner

त्योहार के दूसरे दिन भी पटाखों का धुआं और धूल कणों का जहर हवा में घुला हुआ है। वातावरण में छाया धुआं नमी के साथ मिलकर स्मॉग का रूप ले चुका है। वहीं, पराली जलाने से भी इसमें बढ़ावा हुआ है। इस स्मॉग के कारण अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। नाक गले में तकलीफ भी बढ़ गई है। तापमान बढ़ने, हवा चलने या बारिश होने के बाद ही राहत की उम्मीद है। फिलहाल बारिश के आसार नजर नहीं रहे हैं। ऐसे में हवा चलने पर भी आस टिकी है। इसी से स्मॉग छंटेगा। सैर करने में सतर्कता बरते : डॉ. अनुराग कौशल

डॉ. अनुराश कौशल ने बताया कि इस मौसम में खासकर उन लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए, जिनके फेफड़े कमजोर हों। उन्हें सुबह व सायं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। जो लोग सुबह सायं की सैर करते हैं उन्हें भी मुंह पर मास्क पहनकर ही सैर करनी चाहिए। खासकर सायं के समय स्मॉग का प्रभाव ज्यादा रहता है। इसलिए इस बात का ख्याल सायं के समय ज्यादा रखें। -आंखों में जलन और एलर्जी

-नाक, कान और गले में इन्फेक्शन

-सांस लेने में दिक्कत

-फेफड़ों में इन्फेक्शन

-इम्यून सिस्टम में कमजोरी

-त्वचा संबंधी रोग

-खांसी

-बालों का झड़ना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.