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ब्रह्मसरोवर के बरामदों में बेसहारा गोवंश का जमावड़ा, गंदगी से फैल रहा दुर्गध

धर्मनगरी को अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने केदावों पर बेसहारा पशु पलीता लगा रहे हैं। अभी तक जिला प्रशासन शहर की सड़कों को ही पशु मुक्त बनाने की चिता सता रही थी मगर एशिया के सबसे बड़े व्यवस्थित सरोवर में पशु घुसकर पर्यटकों के लिए खतरा बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 09:30 PM (IST)
ब्रह्मसरोवर के बरामदों में बेसहारा गोवंश का जमावड़ा, गंदगी से फैल रहा दुर्गध
ब्रह्मसरोवर के बरामदों में बेसहारा गोवंश का जमावड़ा, गंदगी से फैल रहा दुर्गध

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी को अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने केदावों पर बेसहारा पशु पलीता लगा रहे हैं। अभी तक जिला प्रशासन शहर की सड़कों को ही पशु मुक्त बनाने की चिता सता रही थी, मगर एशिया के सबसे बड़े व्यवस्थित सरोवर में पशु घुसकर पर्यटकों के लिए खतरा बने हुए हैं। धर्मनगरी में ब्रह्मासरोवर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला सबसे सुंदर और पवित्र स्थल है, जिस पर सबसे ज्यादा पर्यटक और शहरी लोग रोजाना आते हैं, लेकिन अब यह स्थल भी पशु से अछूता नहीं रहा। ब्रह्मासरोवर के आसपास पशु डेरा बनाए हुए हैं। सरोवर पर रोजाना सैर पर जाने वाले लोगों का कहना है कि इस स्थल को और ज्यादा सुंदर बनाने की कवायद होनी चाहिए थी, लेकिन उल्टा ब्रह्मासरोवर की अनदेखी हो रही है। इसके चारों ओर लगे लोहे के गेट या तो उतारे हुए हैं या फिर गायब हैं। जिससे पशु ब्रह्मासरोवर में प्रवेश होकर सुंदर पार्कों में विचर रहे हैं और जहां तहां गोबर करके गंदगी फैला रहे हैं, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

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पार्कों को तबाह कर रहे पशु : पूर्व पार्षद

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पूर्व पार्षद सोहन चौधरी ने कहा कि ब्रह्मासरोवर पर बेसहारा पशु घुस रहे हैं। धीरे-धीरे करके ये पशु बढ़ते जा रहे हैं। पशु सरोवर के सुंदर पार्को को तो नष्ट कर ही रहे हैं साथ ही यहां तहां गंदगी फैला रहे हैं। जिससे बाहर से आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की श्रद्धा को आघात पहुंच रहा है। शहर की सड़कों पर तो पशु लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। अब ये पशु पवित्र ब्रह्मासरोवर में भी घुस कर न केवल पार्कों को तबाह कर रहे हैं बल्कि पर्यटकों के लिए भी खतरा बन रहे हैं।

लोहे के गेट लगाए जाएं : गगन

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गगन शर्मा ने बताया कि ब्रह्मासरोवर के चारों ओर लगाए गए लोहे के भारी भरकम गेट कई जगहों से हटे हुए हैं। जहां से ये पशु ब्रह्मासरोवर में प्रवेश कर जाते हैं। इन प्रवेश द्वारों को बंद किया जाना चाहिए ताकि पशु इसमें प्रवेश ही न कर सकें। इसके साथ ही यह जिला प्रशासन का दायित्व भी बनता है कि इन बेसहारा पशुओं को किसी गोशाला में शरण दिलवाई जाए और इन्हें विचरण करने के लिए जो गोचरान भूमि गांवों में छोड़ी गई हैं उन पर से कब्जे हटाकर इनकी व्यवस्था वहां पर की जानी चाहिए।

सुंदर बनाने की कवायद करे केडीबी : पंकज चोचड़ा

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निवर्तमान पार्षद पंकज चोचड़ा ने कहा कि धर्मनगरी में सबसे सुंदर ब्रह्मासरोवर है। जहां पर सुबह शाम को महाआरती करने और देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग बाहर से आते हैं। धीरे-धीरे ब्रह्मासरोवर को काफी आकर्षक बनाया गया। ऐसे में इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि एक तो ब्रह्मसरोवर की सुंदर बरकरार रहे और इसे और सुंदर बनाने की कवायद चलाई जाए। मगर केडीबी प्रशासन इस बात को भूलता जा रहा है। केडीबी को विशेष रूप से इसकी देखरेख रखने वाले लोगों को एक्टिव करना चाहिए, ताकि बेसहारा पशु ब्रह्मासरोवर में प्रवेश न करें।

तुरंत दे रहे हैं कार्रवाई के निर्देश : अनुभव मेहता

केडीबी के सीइओ अनुभव मेहता का कहना है कि शाम चा र बजे को इस बाबत स्टाफ को सूचना मिली थी जिसके बाद स्टाफ ने पशुओं को परिसर से बाहर कर दिया था। कुवि की ओर से जो रास्ता है कुछ लोग वहां से गेट को खुला छोड़ देते हैं, जिसकी वजह से पशु ब्रह्मसरोवर में घुस जाते हैं। इस द्वार पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे पशु भीतर प्रवेश न करें।


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