डकैती के मामले में वांछित भगोड़ा नौ साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे
डकैती के मामले में भगोड़ा नौ साल के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है। जिला अदालत से जमानत मिलने के बाद वह पुलिस के छिपता फिर रहा था।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : डकैती के मामले में भगोड़ा नौ साल के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है। जिला अदालत से जमानत मिलने के बाद वह पुलिस के छिपता फिर रहा था। उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर पुलिस का वह 50 हजार रुपये का इनामी भगोड़ा है। सहारनपुर में मुठभेड़ के दौरान उसे गोली भी लगी थी, जबकि उसके साथी की गोली चलने से मौत हो गई थी। पुलिस ने भगोड़े को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस भगोड़े से गहन पूछताछ कर रही है।
एसपी राजेश दुग्गल ने बताया कि सदर थाना पुलिस ने डकैती के मामले में उत्तर के जिला हापुड़ के गांव असोड़ा निवासी कासिब व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। अदालत से जमानत मिलने के बाद कासिब दोबारा अदालत में पेश नहीं हुआ। एसीजेएम की अदालत ने उसे 24 दिसंबर 2011 में उसे भगोड़ा घोषित किया था। पुलिस भगोड़ की तलाश में जुटी थी। सदर थाना पुलिस प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार, एसआइ रीक्षक राजपाल, मुख्य सिपाही नवनीत कुमार, नरेंद्र कुमार व प्रदीप कुमार की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर भगोड़े कासिब को उत्तराखंड के देहरादून से गिरफ्तार किया। भगोड़े को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उत्तर प्रदेश में इनामी अपराधी है कासिब एसपी राजेश दुग्गल ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपित कासिब ने स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की हुई है। नाम बदल कर अलग-अलग स्थानों पर रह कर अपराधिक वारदातें कर रहा था। मार्च 2020 में हुई थी उत्तर प्रदेश पुलिस से मुठभेड़ भगोड़े कासिब ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मार्च 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई थी। जिसमें उसे भी गोली लगी थी, जबकि उसके साथी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उसके बाद से वह देहरादून में रह रहा था।