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भूख हड़ताल पर बैठे दो कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों की हालत बिगड़ी

शिक्षकों ने बताया कि तीसरे शिक्षक डॉ. तपेश को सुबह सवा चार बजे खून की उल्टी हुई थी। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। चौथे शिक्षक डॉ. शिल्गराम और डॉ. प्रज्ञा अभी भी भूख हड़ताल स्थल पर ही डटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 08:27 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:27 AM (IST)
भूख हड़ताल पर बैठे दो कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों की हालत बिगड़ी
भूख हड़ताल पर बैठे दो कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों की हालत बिगड़ी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : समान काम समान वेतन की मांग को लेकर तीन दिन से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हड़ताल पर बैठे चार में से तीन कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर्स की हालत बुधवार को बिगड़ गई। डॉ. पंकज को हालत गंभीर होने के चलते एलएनजेपी अस्पताल लाया गया। इतने में दूसरी महिला शिक्षक डॉ. प्रज्ञा की हालत बिगड़ गई और वह भी भूख हड़ताल स्थल पर अचेत हो गई। इधर कुलपति कैलाश चंद्र शर्मा के आश्वासन के बाद कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर्स काम पर वापस लौट गए। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. त्रिविक्रम तिवारी, डॉ. श्वेता कश्यप, डॉ. जितेंद्र शामिल थे। कुलपति की तरफ से डीन एकेडमिक प्रोफेसर मंजुला चैधरी ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सहायक प्रोफेसर्स को जूस पिला कर अनशन को तुड़वाया। उनके साथ कुटा प्रधान संजीव शर्मा मुख्य तौर उपस्थित थे।

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शिक्षकों ने बताया कि तीसरे शिक्षक डॉ. तपेश को सुबह सवा चार बजे खून की उल्टी हुई थी। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। चौथे शिक्षक डॉ. शिल्गराम और डॉ. प्रज्ञा अभी भी भूख हड़ताल स्थल पर ही डटे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उन्हें समान काम समान वेतन नहीं दिया जाता, तब तक वे भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। कुवि प्रशासन का अड़ियल रवैया

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. अभिनव ने कहा कि समान काम समान वेतनमान को लेकर कुवि प्रशासन अड़ियल रवैया अपनाए हुए है, जबकि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे तीन शिक्षकों की हालत नाजुक बनी हुई है। सरकार ने प्रदेश के चार विश्वविद्यालय में समान कार्य समान कार्य वेतनमान लागू कर दिया है। कुवि प्रशासन द्वारा इसे लागू करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। विवि प्रशासन सीडब्ल्यूपी संख्या 19791, 2018 कुकापा बनाम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का हवाला दे रहा है, जोकि यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दी जाने वाली एक ग्रॉस सैलरी का केस है।

उन्होंने कहा कि जीएसआइआइ के अनुसार सातवें वेतनमान आयोग के हिसाब से शिक्षकों का वेतन 57,700 बनता है। उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा की तरफ से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को आदेश दिया जा चुका है कि अनुबंधित सहायक प्राध्यापकों पर इसे लागू किया जाए। इस संबंध में प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है, जिसके खिलाफ हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल बैठना पड़ा।

इन्होंने दिया समर्थन

गुरुजनों की मांगों का समर्थन विद्यार्थी संगठनों ने भी किया है। जिनमें डॉ. आंबेडकर स्टूडेंट अफेयर के चेयरमैन राजीव सभ्रवाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रधान प्रमेश चौधरी, उपप्रधान ब्रजमोहन, स्टूडेंट यूनियन पंजाब यूनिवर्सिटी के चेयरमैन धनराज, सुमित, स्वदेश जागरण मंच के उपप्रधान गौरव सैनी, आम आदमी पार्टी के सुमित हिदुस्तानी, सतीश बिदल, बहुजन समाज पार्टी के बलदेव सिंह, जोगीराम घराड़सी, सेंटर ऑफ इंडियन टेऊड यूनियन के भीम सिंह सैनी, गुरू रविदास धर्मशाला के कुरुक्षेत्र के प्रधान रणपत सिंह, किसान सभा के प्रताप सिंह शामिल हैं।


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