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हड़ताल पर रहे आढ़ती, करोड़ों रुपये के आलू और बासमती धान की नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच पर निकले किसानों का

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:03 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:03 AM (IST)
हड़ताल पर रहे आढ़ती, करोड़ों रुपये के आलू और बासमती धान की नहीं हुई खरीद
हड़ताल पर रहे आढ़ती, करोड़ों रुपये के आलू और बासमती धान की नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच पर निकले किसानों का समर्थन करते हुए मंगलवार को जिला भर के आढ़तियों ने मंडियों में हड़ताल रखी। जिसके चलते अनाज मंडियों में बासमती धान व आलू सहित दूसरी खरीद नहीं हो पाई। पिपली अनाज मंडी में ही 10 हजार क्विटल के करीब आलू पड़ा। हड़ताल से आलू और बासमती धान की सात से 10 करोड़ रुपये तक की खरीद का काम रुका रहा। अब किसानों को रात भर अनाज मंडियों में रहकर अपनी धान और आलू की रखवाली करनी पड़ी

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हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों के रास्तों में बाधाएं खड़ी करने के विरोध स्वरूप एक दिवसीय हड़ताल बुलाई थी। एसोसिएशन के आह्वान पर जिला भर के 2500 के करीब आढ़ती हड़ताल पर रहे। ऐसे में मंगलवार को अनाज मंडियों में एक दाने की भी खरीद नहीं हुई। आढ़तियों के हड़ताल में शामिल होने पर पिपली की अनाज मंडी में आलू की खरीद भी बंद रही। पिपली अनाज मंडी में इन दिनों 10 हजार क्विटल के बाद करीब आलू की आवक चल रही है। इसके बाद भी 2600 से 2800 रुपये प्रति क्विटल के बीच चल रहे हैं। ऐसे में इस एक मंडी में ही 2.70 करोड़ रुपये के करीब के आलू की खरीद नहीं हुई। इतना ही नहीं जिला भर में 10 से 15 हजार क्विटल के करीब बासमती व अन्य धान की खरीद भी बंद रहने से करीब पांच से सात करोड़ रुपये का कारोबार नहीं हुआ। थानेसर की नई अनाज मंडी के आढ़ती सतीश दयालपुर, आढ़ती एसोसिएशन के सचिव हरविद्र बंसल ने कहा कि हड़ताल के चलते किसानों की धान की ढेरियों को तिरपाल से ढक दिया है। अब बुधवार को बासमती की खरीद की जाएगी।

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किसी भी मंडी में नहीं हुई खरीद

हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बनारसी दास ने कहा कि पिपली अनाज मंडी में हर रोज 10 हजार क्विटल के करीब आलू की खरीद होती है, जबकि जिला भर में 10 से 15 हजार क्विटल के करीब बासमती व अन्य धान की खरीद होती है। आज हड़ताल के चलते एक दाने की भी खरीद नहीं हुई।


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