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लेनी थी पार्ट वन की परीक्षा, 80 नंबर के प्रश्न डाल दिए पार्ट टू के

प्रश्न पत्र को देखकर ही विद्यार्थियों का सिर चकरा गया। विद्यार्थियों ने एक दूसरे का मुंह ताकना शुरू कर दिया और कुछ बच्चों ने खड़ा होकर इसकी शिकायत केंद्र में तैनात परीक्षा केंद्र अधीक्षक को की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 07:10 AM (IST)
लेनी थी पार्ट वन की परीक्षा, 80 नंबर के प्रश्न डाल दिए पार्ट टू के
लेनी थी पार्ट वन की परीक्षा, 80 नंबर के प्रश्न डाल दिए पार्ट टू के

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : रोहतक पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय बीएएमएस विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर कितना संजीदा है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि शनिवार को बीएएमएस प्रथम वर्ष के पदार्थ विज्ञान पार्ट वन की परीक्षा की जगह 80 नंबर के प्रश्न पार्ट टू के पूछ लिए गए। प्रश्न पत्र को देखकर ही विद्यार्थियों का सिर चकरा गया। विद्यार्थियों ने एक दूसरे का मुंह ताकना शुरू कर दिया और कुछ बच्चों ने खड़ा होकर इसकी शिकायत केंद्र में तैनात परीक्षा केंद्र अधीक्षक को की। परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने इस बाबत रोहतक स्थित विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों से मोबाइल पर बातचीत भी की। मगर उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। ऐसे में विद्यार्थियों को वही प्रश्न पत्र हल करना पड़ा। जबकि अब विद्यार्थी इस बात की चिता में हैं कि अब वे किस परीक्षा की तैयारी करे, जिस पार्ट की परीक्षा हो चुकी है उसकी या फिर जिस पार्ट में से 80 प्रतिशत का प्रश्न पत्र था उसकी। विद्यार्थियों में इसको लेकर रोष है।

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प्रथम वर्ष के विशाल, प्रवेश, अभिषेक व अन्य विद्यार्थियों ने रोष जताया कि शनिवार को उनकी पदार्थ विज्ञान के पार्ट वन की परीक्षा थी। मगर जब प्रश्न पत्र उनके सामने आया तो परीक्षा में पार्ट वन से केवल 20 ही नंबर के प्रश्न पूछे हुए थे, बाकि के प्रश्न पार्ट टू परीक्षा से पूछे गए थे, जो आगामी दिनों में होनी है। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने जब केंद्र अधिकारियों को इसकी सूचना दी तो उन्होंने भी रोहतक विश्वविद्यालय प्रशासन से बात करने के बाद यह कह दिया कि अब तो यही परीक्षा देनी होगी। विद्यार्थियों ने कहा कि उनके भविष्य के साथ खेल खेला जा रहा है। कभी विद्यार्थियों की परीक्षा समय पर नहीं होती तो कभी प्रश्न पत्र में ही दूसरी विषय के प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। वहीं विश्वविद्यालय के प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने फोन पर बताया कि इस मामले में कुलपति जांच कराएंगे और कहां पर यह गलती हुई उसकी पड़ताल कराई जाएगी।


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