दोपहर बाद तेज बारिश के साथ गिरे ओले, 20 मिनट में बरसा 10 एमएम पानी
बेमौसम बारिश ने किसानों की फसलों पर कहर ढहा दिया है। आसमान में छाए बादल पिछले दो दिनों में रह-रहकर फसलों पर पानी उड़ेल रहे हैं। दो दिन पहले ही बुधवार की रात को 20 एमएम बरसात हुई थी उसके बाद अब शुक्रवार को दोपहर बाद 20 मिनट में ओलों के साथ 10 एमएम बारिश हुई। तेज हवाओं के साथ आई बरसात और ओलावृष्टि ने फसलों को चौपट कर दिया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बेमौसम बारिश ने किसानों की फसलों पर कहर ढहा दिया है। आसमान में छाए बादल पिछले दो दिनों में रह-रहकर फसलों पर पानी उड़ेल रहे हैं। दो दिन पहले ही बुधवार की रात को 20 एमएम बरसात हुई थी, उसके बाद अब शुक्रवार को दोपहर बाद 20 मिनट में ओलों के साथ 10 एमएम बारिश हुई। तेज हवाओं के साथ आई बरसात और ओलावृष्टि ने फसलों को चौपट कर दिया। पिछले 10 दिनों में दो बार तेज बारिश होने के चलते पानी में खड़ी गेहूं की फसल का रंग पीला पड़ना शुरू हो गया है। फसल चौपट होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में किसानों का तांता लगा है। कार्यालय में शुक्रवार को एक ही दिन में एक हजार से ज्यादा किसानों ने सर्वे के लिए आवेदन किया है। इससे तीन दिन पहले 2000 किसानों ने आवेदन किया था। एक लाख 12 हजार हेक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल पर संकट
जिला भर में एक लाख 12 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी है। इसमें से 80 प्रतिशत गेहूं में इन दिनों दाना बनने की प्रक्रिया चली हुई है। इस प्रक्रिया के दौरान गेहूं को सिचाई के लिए हल्के पानी की जरूरत होती है। लेकिन बादलों ने इन्हीं दिनों में गेहूं पर कहर बरपा रखा है। तेज बारिश और हवा के चलते ज्यादातर क्षेत्रों में गेहूं की फसल ढह गई है। अब इस पर ओलों ने और कहर बरपाया है। स्पेशल गिरदावरी के लिए पटवारियों को जारी हों आदेश
भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि बेमौसमी बारिश ने किसानों की मेहनत को चौपट कर दिया है। बहुत किसान ऐसे हैं जिन्होंने बीमा नहीं करवा रखा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फसल के नुकसान के आंकलन को लेकर सीधे पटवारियों को निर्देश दिए जाएं। सर्वे के लिए पहुंचे 3000 से अधिक आवेदन
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रदीप मील ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सर्वे करवाने के लिए जिले भर के 3000 के लगभग किसानों ने आवेदन किया है। इसमें से दो हजार के लगभग सात मार्च को हुई बारिश के नुकसान के सर्वे को लेकर पहुंचे थे। अब बुधवार की रात को हुई बारिश के बाद भी 1000 से अधिक किसानों ने सर्वे के लिए आवेदन किया है।