चाय की दुकान पर लगी सियासी चुस्की
इस समय हर तरफ एक ही चर्चा है। चुनाव में कौन बाजी मारेगा किसका सिक्का चलेगा। जहां पांच-सात लोग खड़े हो गए वहीं पर चुनावी चर्चा शुरू हो जाती है। पार्क हो या चाय की दुकानें हर जगह सिर्फ प्रत्याशियों और पार्टियों की बातें चल रही हैं।
अश्वनी धनौरा, कुरुक्षेत्र : इस समय हर तरफ एक ही चर्चा है। चुनाव में कौन बाजी मारेगा, किसका सिक्का चलेगा। जहां पांच-सात लोग खड़े हो गए, वहीं पर चुनावी चर्चा शुरू हो जाती है। पार्क हो या चाय की दुकानें हर जगह सिर्फ प्रत्याशियों और पार्टियों की बातें चल रही हैं। कोई विकास कार्यों को लेकर बात कर रहा है, तो कोई रोजगार के मुद्दे को लेकर। लाडवा से कुरुक्षेत्र तक बाइक का सफर किया और लोगों की राजनीतिक नब्ज टटोली गई।
सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर गांव धनौरा जाटान से बाइक पर सवार हुआ। गांव से निकलते ही अड्डे पर पांच लोग खड़े थे तो बाइक रोक कर इनसे चर्चा शुरु की। यहां खड़े दो युवा तो अपने मोबाइल के साथ चिपके हुए थे और पास में खड़े तीन बुजुर्ग आपस में चर्चा कर रहे थे। एक बुजुर्ग बोला पिछली बार तो इसी वोट दी थी कि एक ट्रांसफार्मर के लिए सालों से चक्कर काट रहे हैं। वही नहीं लगा। इस बार देखेंगे। कांटे की टक्कर है, इस बार तो। उनकी बात काटते हुए पास खड़े युवा बोल पड़े कि बिजली तो हर गांव में 24 घंटे आ रही है। दूसरे युवा ने भी उसका समर्थन किया। गांव सौंटी में एक किसान ट्रैक्टर से खेत जोत रहा है। राम-राम करते हुए उनसे सवाल किया कि चुनाव में क्या चल रहा है। ट्रैक्टर से उतरते हुए बोला किसान का क्या चलना था, बस परेशान हो रहे है। किसान तो हर बार पिसता है चाहे सरकार कोई भी हो और पिसता रहेगा। धान का सीजन चला हुआ है अभी तो इसी में व्यस्त हैं। ..चुनाव है बी या नहीं
आगे बढ़े तो नेशनल हाईवे स्थित गांव सिरसमा के अड्डे पर चाय के खोखे के नजदीक कुछ बुजुर्ग बैठे थे। बुजुर्ग पालाराम बोले, बेटा इब तो चुनाव कुछ नी रह्या, पहलां तो दो-दो महीने पहले ते चुनाव का माहौल बन ज्या करा था, अर इब तो नूई नी पता के चुनाव है बी या नहीं। वहीं पास में खड़े कुछ युवा भी आ गए और चुनावी चर्चा में शामिल हो गए। यासीन खान व दर्शन बोले कि रात गांव में एक पार्टी का उम्मीदवार आया था अर लोगों ना उसते खरी-खोटी सुनाके वापस भेज दिया। वहीं बैठे राजकुमार व राकेश ने कहा कि इस बार चुनाव में बेरोजगारी, शिक्षा, कानून व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा की सुरक्षा पर ध्यान देने वाले उम्मीदवार को ही अपना नेता बनाएंगे। पीछे बैठे प्रवीण कुमार भी बोले, भाई कुछ भी हो, कुछ मुद्दे तो काफी समय से पड़े हैं। कोई भी सरकार आई। उनका समाधान नहीं हुआ।