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बेहतर परिणाम के लिए दिमाग पर न रखें दबाव

--------------अनलॉक एक्जाम------------------ --परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को प्राच

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:15 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 07:15 AM (IST)
बेहतर परिणाम के लिए दिमाग पर न रखें दबाव
बेहतर परिणाम के लिए दिमाग पर न रखें दबाव

--------------अनलॉक एक्जाम------------------ --परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को प्राचार्या अंजू सरदाना ने दिए टिप्स फोटो 16 जागरण संवाददाता, करनाल : परीक्षा के दिन आते ही विद्यार्थी अपने दिमाग पर दबाव महसूस करने लगते हैं। कोरोना के दौरान पढ़ाई प्रभावित होने के बावजूद बेहतर प्रदर्शन तभी संभव है, जब दिमाग पर किसी तरह का दबाव न हो। इसलिए अभिभावकों, शिक्षकों व दोस्तों की जिम्मेदारी बनती है कि वे आपसी तालमेल से परीक्षार्थी का दबाव कम करें। यह कहना है रेलवे रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यामिक विद्यालय की प्राचार्या अंजू सरदाना का। उन्होंने बताया कि परीक्षा की घड़ी ऐसी होती है जब अभिभावक बच्चों के उठने, बैठने और सोने तक का समय निश्चित कर देते हैं। यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि परीक्षा को लेकर बच्चे के मन में डर होता है। ऐसे में अभिभावकों को सकारात्मक सोच का प्रमाण देना चाहिए।

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पढ़ाई के लिए स्वास्थ्य और अच्छी नींद जरूरी

बेहतर परफार्मेंस के लिए विद्यार्थी का स्वस्थ होना जरूरी है। इसके लिए खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद करनी चाहिए। कोरोना के चलते पढ़ाई बेशक प्रभावित हुई लेकिन स्कूल प्रबंधकों व शिक्षा विभाग की तरफ से पढ़ाई को सरल बनाने का प्रयास किया गया है। अभिभावकों को बच्चों का पहले ही समय प्रबंधन कर दिया जाए तो परीक्षा के दिनों में पढ़ाई करने में किसी प्रकार की हड़बड़ी नहीं होती है। बच्चों की रुचि के अनुसार पढ़ाई करवाने का प्रयास ही बढि़या परिणाम ला सकता है।

सरलता के लिए विषयों को बांटना जरूरी

उन्होंने बताया कि प्रत्येक विषय की पढ़ाई के लिए समय तय कर दिया जाए तो पढ़ाई आसान हो जाती है। सिलेबस दोहराते समय उन विषयों पर अधिक ध्यान दें, जिसमें कठिनाई होती है। समय रहते अगर कठिन सवालों की रीविजन की जाए तो परीक्षा के समय वही सवाल आसान लगने लगते हैं। प्राचार्या ने बताया कि अभिभावकों को सकारात्मक विचारों के साथ बच्चों की संभाल करनी चाहिए और पढ़ाई पर फोकस करवाना चाहिए। प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को सरल शिक्षा देने के लिए अनेकों योजनाएं लागू की गई और शिक्षकों के प्रयास से बेहतर परिणाम भी आए हैं। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी सूपर-100 में अपनी काबिलियत का डंका बजा चुके हैं।

प्रधानमंत्री कर चुके 'परीक्षा पे चर्चा'

प्राचार्या अंजू सरदाना ने अपने करियर में शिक्षा में कमजोर विद्यार्थियों को सरल मार्ग से पढ़ाई करवाकर आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बोर्ड परीक्षा का जिक्र आते ही बच्चे दबाव महसूस करने लगते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बच्चों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से तनाव मुक्त पढ़ाई के लिए प्रेरित कर चुके हैं। प्रिसिपल ने बताया कि कोरोना में स्कूल बंद होने के बावजूद ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षकों ने बच्चों का सिलेबस तय समय में पूरा करवा कर विषयों की रीविजन से बेहतर परिणाम लाने का प्रयास किया है।


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