आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद् गीता में निहित : सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। इसे आचरण व व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। हमें श्रीमद्भगवद गीता को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए देश व समाज के लिए निस्वार्थ कर्म करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। इसे आचरण व व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। हमें श्रीमद्भगवद गीता को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए देश व समाज के लिए निस्वार्थ कर्म करना चाहिए। वह बुधवार को कुवि के सीनेट हॉल में कुवि और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के समापन पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में सार्थकता एवं ज्ञान अर्जित करने के लिए गीता का अध्ययन करना जरूरी है। गीता वह ग्रंथ है जो समाज एवं भविष्य को आधार प्रदान करता है और मनुष्य को सार्थकता प्रदान करता है। कौशल प्राप्त करने के लिए अभ्यास की जरूरत है। कोई भी चीज अभ्यास द्वारा प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने वेबिनार में शामिल हुए सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर कुलपति ने तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की रिपोर्ट का भी विमोचन किया।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने वेबिनार के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षाें से इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कुवि में किया जा रहा है। प्रो. एसएस बूरा ने बताया कि इस समारोह में देश विदेश से गीता मनीषियों, शोधार्थियों व वक्ताओं ने भाग लिया है। यह अंतरराष्ट्रीय वेबिनार श्रीमद्भगवद् गीता पर मंथन, चितन, शोध सहित सभी न•ारिए से सफल रहा है। इस मौके पर संगोष्ठी में आयोजित विभिन्न तकनीकी सत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मंच का संचालन डा. सुरजीत ने किया।
प्रो. मोहिन्द्र चांद ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर डीन एकेडमिक अफेयर व सेमिनार की निदेशिक प्रो. मंजुला चौधरी, कुलसचिव डा. संजीव शर्मा, डा. महासिंह व डा. दीपक राय बब्बर मौजूद रहे।