अतिक्रमण पर प्रशासन की सख्ती, दुकानदार खुद हटा रहे अतिक्रमण
अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से छेड़े गए अभियान से उन दुकानदारों को भी आंख खुल गई है जहां तक थानेसर नप अधिकारी अब तक नहीं पहुंचे हैं। सख्त कार्रवाई को देखते हुए दुकानदारों ने अपने आप अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से छेड़े गए अभियान से उन दुकानदारों को भी आंख खुल गई है जहां तक थानेसर नप अधिकारी अब तक नहीं पहुंचे हैं। सख्त कार्रवाई को देखते हुए दुकानदारों ने अपने आप अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को बाजार बंद होने के बावजूद कई दुकानदार खुद हथौड़ा चलाते हुए नजर आए। वहीं कस्बों में भी इस कार्रवाई का असर दिखने लगा है। शनिवार देर शाम तक लाडवा में कब्जा हटाने का अभियान चलता रहा। शहर में जिन-जिन सड़कों से कब्जे हटाए गए वहां के बदलते हुए नजारे को देखकर लोगों ने खुशी जताई। खासकर उन क्षेत्रों में जाम में फंसने वाले लोगों ने इस कार्रवाई खूब सराहा है। वहीं कुछ दुकानदारों के मुताबिक पहले के मुकाबले उनका काम बढ़ा है। दुकानदार बोले- करना पड़ रहा था अतिक्रमण
मुख्य बाजार के कुछ दुकानदारों ने बताया कि उन्हें न चाहते हुए भी अतिक्रमण करना पड़ा। जब साथ वाले दुकानदार ने अपनी आधी दुकान बाहर लगा ली तो उनकी दुकान ढक गई। इस वजह से उन्हें भी सड़क पर अतिक्रमण करना पड़ा। यह कार्रवाई बिल्कुल सही है। इससे अतिक्रमण करने की प्रवृत्ति वाले लोगों को राहत मिली है। 20 से 25 प्रतिशत तक काम में हुई बढ़ोतरी : ओम प्रकाश
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कैथल साबुन स्टोर संचालक ओम प्रकाश ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से दुकानदारों को परेशानी तो हुई है। लेकिन जबसे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बाजार में चली है तबसे काम बढ़ा है। दुकान पर 20 से 25 प्रतिशत तक काम में बढ़ोतरी हुई है। जाम की वजह से ग्राहक नहीं खड़ा हो पाता दुकान पर ज्यादा देर
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विशाल कलेक्शन से सतीश कौशिक ने कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई कुछ दुकानदारों को परेशान कर रही है। मगर ज्यादातर दुकानदार यही चाहते हैं कि बाजार में अतिक्रमण न हो। अतिक्रमण होने की वजह से बाजार में जाम की स्थिति रहती है और ग्राहक ज्यादा देर बाजार में खड़ा नहीं होना चाहता। काम पिछले दिनों के मुकाबले बढ़ा है। सड़कें तो राहगीर की होती हैं : पंडित ऋषभ वत्स
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पंडित ऋषभ वत्स ने कहा कि दुकानदारों की तो दुकान होती है। सड़कें तो राहगीर की होती हैं। सड़कों पर कब्जा गैरकानूनी है। जिला प्रशासन ने जो कार्रवाई की है वह काबिलेतारीफ है। शहर की सड़कों से पूरी तरह से अतिक्रमण हटने चाहिए। शहर को सुंदर बनाने के लिए यह अभियान बहुत जरूरी था, जिसे पूरी तरह अमलीजामा पहनाने तक इस कार्रवाई को बंद नहीं करना चाहिए।