जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : वाहनों चालकों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाली यातायात पुलिस संसाधनों की कमी झेल रही है। यातायात पुलिस सिर्फ 61 पुलिस कर्मचारी व 93 होमगार्ड के जवानों के सहारे देश का प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 44 व राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 65 व राज्य राजमार्ग पर यातायात को संभाल रही है। वहीं यातायात पुलिस मात्र एक एल्कोसेंसर के जरिये इन राजमार्गों पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच करती है। ऐसे में यातायात नियमों का उल्लंघन कर वाहन चालकों को फरार होते देखने के अलावा यातायात कर्मियों के पास कोई चारा नहीं है।
जिले की सीमा से गुजर रहा करीब 40 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 44 है, इतना ही लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 65 है और करीब 50 किलोमीटर लंबा कैथल-सहारनपुर राज्य राजमार्ग है। इन तीनों राजमार्गों पर यातायात को व्यवस्थित करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव समानी के समीप यातायात थाना स्थापित किया गया है। इसमें एक निरीक्षक सहित 61 पुलिस के जवान व 93 होमगार्ड के जवानों को तैनात किए गए हैं। इन कर्मियों में करीब आधे से अधिक पिपली चौक, शाहाबाद, पिहोवा व लाडवा में तैनात किए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर चार पुलिस सहायता बूथ स्थापित हैं। यातायात पुलिस के अनुसार जहां भी गति जांच वैन से वाहनों की गति जांची जाती है, वहां पर करीब 10 पुलिस कर्मी तैनात किए जाते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्ग पर जहां भी हादसा होता है वहां पर यातायात पुलिस कर्मचारी ही पहले पहुंचते हैं। हालांकि पूरे जिले में यातायात को व्यवस्थित करने के लिए यह पर्याप्त संख्या नहीं है। ऐसे में धुंध व कोहरे में संसाधनों की कमी के परिणाम सामने आते हैं।
इच्छाशक्ति की कमी
केंद्र व प्रदेश सरकार की इच्छाशक्ति की कमी ही है कि यातायात व्यवस्था के लिए पूरे संसाधन नहीं दिए जाते। अगर सरकारें इच्छाशक्ति जताएं तो सड़क हादसों में बहुत हद तक कमी लाई जा सकती है। इसके लिए यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ दुर्घटनाएं रोकने के लिए उन्हें पूरे संसाधन मुहैया कराने होंगे। होती सिर्फ खानापूर्ति ड्राइविग लाइसेंस बनवाने व नवीनीकरण के लिए सरकार ने कड़े नियम तो बनाए हैं, मगर इन नियमों पर पूरा अमल नहीं किया जाता। हालांकि लाइसेंस बनवाने व नवीनीकरण के समय कंप्यूटर टेस्ट के साथ वाहन को चलवा कर देखा जाता है और इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होती है। इतनी सख्ती के बावजूद आज भी दलाल सक्रिय है और फर्जी तरीके से वाहनों के लाइसेंस बनवाने का कार्य चल रहा है।
प्रशिक्षण देकर तैनात किया जाए ट्रैफिक स्टॉफ
अशोक पूरी पब्लिक रोड सेफ्टी एसोसिएशन के सदस्य जगरूप सिंह का कहना है कि यातायात पुलिस में तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों को यातायात नियमों का पूरा ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसके लिए बकायदा पूर्ण प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभाएं। वाहन चालकों को भी लाइसेंस जारी करने के लिए पूर्ण प्रशिक्ष देना जरूरी है। अगर प्रशिक्षण प्राप्त चालकों को लाइसेंस जारी होगा तो हादसों में कमी आ सकेगी। संसाधनों की कमी में यातायात पुलिस में तैनात कर्मियों को चालान करने पर प्रोत्साहन राशि दी जारी चाहिए। उनका कहना है कि जिले में यातायात पुलिस के पाए पर्याप्त एल्कोसेंसर होने चाहिए, ताकि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर अंकुश लग सके। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कसा जा रहा है शिकंजा : यातायात प्रभारी
जिला यातायात प्रभारी रामकरण का कहना है कि यातायात पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। जिले भर के प्रत्येक चौक पर यातायात पुलिस कर्मी के साथ होमगार्ड को तैनात किया गया है, ताकि कहीं भी यातायात अवरूद्ध न हो। पिपली-थर्ड गेट रोड पर निर्माण के कारण कुछ दिक्कत आ रही है, मगर यातायात पुलिस पूरी तरह से चौकस है। यातायात पुलिस के पास संसाधन
यातायात पुलिस स्टाफ : 61
होमगार्ड : 93
राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीसीआर : 3
एल्कोसेंसर : 1
पुलिस थानों में एल्कोसेंसर : प्रत्येक थाने में एक
क्रेन : 2
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