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सड़क पर बने चित्र से हटाए श्रीकृष्ण और अर्जुन के चित्र

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 के नाम पर सड़कों पर बनाई गई वाल पेंटिग से भगवानों के चित्र हटा लिए हैं हालांकि अभी भी शंख श्रीकृष्ण भगवान की बांसुरी और सूर्य के प्रतीकों को नहीं हटाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:10 AM (IST)
सड़क पर बने चित्र से हटाए श्रीकृष्ण और अर्जुन के चित्र
सड़क पर बने चित्र से हटाए श्रीकृष्ण और अर्जुन के चित्र

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 के नाम पर सड़कों पर बनाई गई वाल पेंटिग से भगवानों के चित्र हटा लिए हैं, हालांकि अभी भी शंख, श्रीकृष्ण भगवान की बांसुरी और सूर्य के प्रतीकों को नहीं हटाया गया है। गीता प्रेमियों ने इन धार्मिक आस्था के प्रतिकों को भी सड़क पर बने चित्रों से हटाने की मांग की है। गीता महोत्सव में आस्था से इस तरह के खिलवाड़ का मामला बुधवार को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सामने भी उठा है।

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महोत्सव के लिए केडीबी की ओर से ब्रह्मासरोवर के बीचों-बीच पुरुषोत्तमपुरा बाग की ओर जाने वाले रास्ते पर वाल पेंटिग करवाई गई हैं। महोत्सव को सजाने के लिए सड़क पर बनाई गई इन्हीं वाल पेंटिग में कलाकारों ने श्रीकृष्ण भगवान और अर्जुन के चित्र भी प्रकाशित कर दिए। पेंटिग तैयार होने पर इसी सड़क से लोगों से चलना शुरू किया तो श्रद्धालुओं ने इसे गंभीर लापरवाही बताया। गीता प्रेमियों ने एतराज जताया कि एक ओर तो सरकार गीता के प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, दूसरी ओर भगवान के चित्रों को पैरों तले रौंदकर आस्था से खिलवाड़ हो रहे है। दैनिक जागरण में यह लापरवाही प्रकाशित होने पर केडीबी के अधिकारियों ने रथ से श्रीकृष्ण अर्जुन के चित्रों को हटा दिया, लेकिन अभी भी बांसुरी, सूर्य और शंख के चित्र सड़क पर बने हुए हैं। श्रद्धालु इन्हें आस्था का प्रतीक मानते हैं, ऐसे में इनके ऊपर से पांव रखकर निकलने पर उन्होंने रोष जताया है। गीता मनीषी के सामने उठा मामला

यही मामला बुधवार को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सामने भी उठा है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में पता करवाएंगे। गीता के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। श्रद्धालु भी इसी आस्था से महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं, इस तरह की लापरवाही ठीक नहीं है।


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