आरक्षण रोस्टर के फेर में उलझी कुवि में शिक्षकों की भर्ती
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षक लगातार सेवानिवृत हो रहे हैं और नई भर्ती के नाम पर वर्ष 2012 के बाद कोई भर्ती नहीं हो पाई है। कुवि प्रशासन पिछले वर्ष भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर चुका है लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षक लगातार सेवानिवृत हो रहे हैं और नई भर्ती के नाम पर वर्ष 2012 के बाद कोई भर्ती नहीं हो पाई है। कुवि प्रशासन पिछले वर्ष भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर चुका है, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाई है। इसका कारण सर्वोच्च न्यायालय में आरक्षण के मामले का होना था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी फैसला दे दिया है और एमएचआरडी की ओर से रोस्टर तैयार कर भेज दिया है, लेकिन यह रोस्टर हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों को जारी नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण भर्ती का मामला अटका पड़ा है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है। विश्वविद्यालय में लगभग 150 पद खाली हैं वहीं लगातार सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों के कारण खाली पदों की संख्या हर माह बढ़ रही है। इसका सीधी खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षक भर्तियों का मामला अब भी आरक्षण से संबंधित रोस्टर विश्वविद्यालय में न पहुंचने के कारण रुका हुआ है। जानकारी के अनुसार एमएचआरडी की ओर से रोस्टर जारी कर दिया गया है। जो हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों को जारी नहीं किया गया। बाक्स
अब विश्वविद्यालय होगी आरक्षण की यूनिट आरक्षण रोस्टर में अब तक जहां विभाग रोस्टर की यूनिट होते थे अब उसे बदला गया है। यही मामला सर्वोच्च न्यायालय में चला गया था। जिसके बाद पूरे देश में भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। एचएचआरडी ने सर्वाेच्च न्यायालय की हरी झंडी मिलने के बाद रोस्टर को तैयार कर दिया है। इसके अनुसार अब विश्वविद्यालय को ही एक यूनिट माना गया है। पिछले वर्ष निकाली थी 120 पदों पर भर्ती कुवि प्रशासन की ओर से पिछले वर्ष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया था। प्रशासन की ओर से 120 पदों के लिए विज्ञापन दिया था, लेकिन आरक्षण रोस्टर के कारण भर्ती सिरे नहीं चढ़ पाई। अब कुवि में शिक्षकों के खाली पदों की संख्या लगभग 150 तक पहुंच गई है।