तीसरे दिन शनिवार को भी हुई बारिश, गेहूं व अन्य फसलों पर खतरा
पिछले तीन दिनों से थम-थम कर चल रही बारिश ने फसलों पर कहर बरपा दिया है। लगातार बारिश होने से गेहूं और सब्जी के खेतों में पानी जमा हो गया है। इस पानी से फसलों पर खतरा आन खड़ा हुआ है। कई जगह प्याज की फसल पानी में रहने से खराब हो गई है। शनिवार को करीब आठ एमएम बारिश हुई। इतना ही नहीं शुक्रवार को दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से अधिकतम तापमान में छह डिग्री की कमी आ गई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पिछले तीन दिनों से थम-थम कर चल रही बारिश ने फसलों पर कहर बरपा दिया है। लगातार बारिश होने से गेहूं और सब्जी के खेतों में पानी जमा हो गया है। इस पानी से फसलों पर खतरा आन खड़ा हुआ है। कई जगह प्याज की फसल पानी में रहने से खराब हो गई है। शनिवार को करीब आठ एमएम बारिश हुई। इतना ही नहीं शुक्रवार को दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से अधिकतम तापमान में छह डिग्री की कमी आ गई है। एक दिन पहले जहां अधिकतम तापमान 25 डिग्री था वहीं शनिवार को घटकर 19 डिग्री तक आ गया है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। बरसात के साथ-साथ शनिवार को हवाएं भी 16 किलोमीटर की गति से चली। कृषि विशेषज्ञ पहले ही इन दिनों की बारिश से गेहूं को नुकसान की आशंका जता चुके हैं। किसान के लिए संकट की घड़ी
बेमौसम बारिश के चलते किसानों के लिए यह संकट की घड़ी है। आसमान में छाए बादल रह रह कर पानी बरसा रहे हैं। शनिवार को भी सुबह से शुरू हुई बारिश ने जहां किसानों की नींद उड़ा दी। वहीं दोपहर बाद बारिश के बाद हुई ओलावृष्टि से किसानों के होश उड़ गए। गेहूं के साथ-साथ सरसों, टमाटर, प्याज आदि की फसल में भी किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों के साथ-साथ ईंट भट्ठा मालिकों पर भी बारिश की मार पड़ रही है। इस समय अधिकतर ईंट भट्ठों पर ईंट ही नहीं है, इससे ईंटों के दामों में भी भारी उछाल आने की संभावना है। शाहाबाद में भी ओलावृष्टि से फलों के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है।