कुलपति की कुर्सी को लेकर दौड़ शुरू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर दौड़धूप तेज हो गई है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग हरियाणा के महानिदेशक की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए इच्छुक उम्मीदवारों को 10 जुलाई तक आवेदन करने का समय दिया गया है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र :
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर दौड़ धूप तेज हो गई है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग हरियाणा के महानिदेशक की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए इच्छुक उम्मीदवारों को 10 जुलाई तक आवेदन करने का समय दिया गया है। हालांकि 19 जून को कुवि कार्यकारिणी परिषद की ओर से सर्च कमेटी के दो सदस्यों के नाम तय होते ही कुवि के कुलपति की चाह रखने वाले उम्मीदवारों ने जोड़-तोड़ तेज कर दिया था। इसके लिए कुरुक्षेत्र सहित कई जिलों से जुड़े उम्मीदवारों ने चंडीगढ़ और दिल्ली दरबार में हाजिरी बढ़ा दी है। कुछ उम्मीदवारों ने अपने धर्मगुरुओं के दरबार में भी नतमस्तक होना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि कुवि की कमेटी ने गत दिनों सर्च कमेटी के दो सदस्य नियुक्त कर दिए थे। एक सदस्य राज्यपाल को नियुक्त करना है। यह तीन सदस्यीय कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।
31 मार्च को डा. नीता खन्ना को सौंपा था चार्ज
कुवि के तत्कालीन कुलपति का कार्यकाल 31 मार्च 2020 को पूरा हो गया था। बताया जा रहा है कि उन्हें भविष्य के लिए एक्सटेंशन मिलने की उम्मीद थी। लेकिन एक्सटेंशन ना मिलने पर 31 मार्च को ही पत्र जारी कर कुलसचिव डा. नीता खन्ना को कुलपति का कार्यभार सौंपा गया। उन्होंने इसी दिन देर सायं कार्यकाल संभाल लिया। इसके बाद से कुरुक्षेत्र के शिक्षण संस्थानों से जुड़े कई शिक्षाविदों के नाम कुलपति के लिए चर्चा में आने लगे थे। कइयों के सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोगों के साथ पारिवारिक और पुराने संबंध होने तक के दावे होने लगे थे। लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुए कई इच्छुक उम्मीदवारों की आवाज उनके अंदर ही दबी पड़ी थी। इसके बाद अनलॉक शुरू होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा था। चर्चाओं का दौर शुरू होने पर 19 जून को कुवि कार्यकारिणी परिषद की अकस्मात वर्चुअल बैठक बुलाई गई और सर्च कमेटी के दो सदस्यों के नाम तय किए गए।
आवेदन मांगने पर खिले चेहरे
अब उच्च शिक्षा विभाग हरियाणा के महानिदेशक की ओर से कुवि कुलपति के लिए आवेदन मांग लिए गए हैं। इनके लिए आवेदन मांगते ही इच्छुक उम्मीदवारों में कुर्सी मिलने की उम्मीद जगी है। उन्होंने अपनी-अपनी फाइलें मजबूत करने के साथ-साथ बड़े दरबारों में हाजिरी भी तेज कर दी है।