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पुस्तक साइंस इन एशियंट इंडिया का कुलपति ने किया विमोचन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मंगलवार को कुवि के भौतिक विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीके चतुर्वेदी की पुस्तक साइंस इन एशियंट इंडिया का विमोचन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:01 PM (IST)
पुस्तक साइंस इन एशियंट इंडिया का कुलपति ने किया विमोचन
पुस्तक साइंस इन एशियंट इंडिया का कुलपति ने किया विमोचन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मंगलवार को कुवि के भौतिक विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीके चतुर्वेदी की पुस्तक साइंस इन एशियंट इंडिया का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक भारतीय सभ्यता में विज्ञान और तकनीक पारंपरिक रूप से शामिल रहे हैं। प्राचीन भारतीय विज्ञान का विश्व को हर क्षेत्र में अहम योगदान है। विज्ञान के कुछ क्षेत्रों गणित, ज्योतिष, धातु विज्ञान के क्षेत्र में भारत के लोगों ने जो आविष्कार किए तथा सफलता प्राप्त की वह संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। भारतीयों की वैज्ञानिक बुद्धि का परिचय प्राचीन कालीन इतिहास से मिलता है। पाषाण कालीन मानव ही वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र व ऋतु शास्त्र का जन्मदाता है ।

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पुस्तक के लेखक प्रो. डीके चतुर्वेदी ने बताया कि इस पुस्तक के सात चैप्टर हैं। इनमें हिदू संस्कृति और परंपराएं, प्राचीन विज्ञान में बौद्वायन सूत्र, वामन संहिता, अगस्त्य संहिता, मेडिकल साइंस, भारतीय गाय एवं पेटेंट, गणित एवं खगोल के अंतर्गत आर्यभट्ट, माधवाचार्य, श्रीनिवास रामानुजन, फिजिकल साइंस तथा साइंटिफिक बिल्डिग के अंतर्गत खजुराहो मंदिर, कोणार्क मंदिर व जंतर मंतर के विषय में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय विज्ञान के विषय के हर पहलू के बारे में चर्चा की गई है। इस मौके पर कुवि के पूर्व डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. गिरीश चोपड़ा, डीन आफ कालेज प्रो. अनिल वोहरा, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. पवन शर्मा, दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. आरके मोदगिल, लोक संपर्क विभाग के उप-निदेशक डा. दीपक राय बब्बर मौजूद रहे।


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