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छात्र के सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी बोले- गरीबी मिटाने का तरीका रेवड़ी बांटने जैसा नहीं

विद्यार्थिेयों से संवाद के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के एक छात्र के प्रश्‍न पर कहा कि गरीबी मिटाने का तरीका रेवड़ी बांटने जैसा नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 10:05 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 08:50 PM (IST)
छात्र के सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी बोले- गरीबी मिटाने का तरीका रेवड़ी बांटने जैसा नहीं
छात्र के सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी बोले- गरीबी मिटाने का तरीका रेवड़ी बांटने जैसा नहीं

कुरुक्षेत्र, [पंकज आत्रेय]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों से संवाद के दौरान देश से गरीबी हटाने के तरीके के बारे में अपना दृष्टिकोण व रुख स्‍पष्‍अ किया। कुरुक्षेत्र के छात्र गौरव के देश में गरीबी के सवाल पर मोदी ने कहा कि गरीबी मिटाने का तरीका रेवड़ी बांटने जैसा नहीं है। इसे गहराई से और बु‍नियादी तौर पर करना पड़ेगा। हम इस दिशा में बढ़ रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कुरुक्षेत्र विश्विविद्यालय में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत जारी 100 करोड़ रुपये से बनने वाले रिसर्च सेंटर का शिलान्यास किया। वह इसके बाद देशभर के शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों से रूबरू हुए। कार्यक्रम में देशभर से पांच सवाल चुने गए थे, इनमें एक सवाल कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र गौरव का भी था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रश्‍न पूछने वाला कु‍रुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय का छात्र गौरव।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश तेजी से गरीबी से बाहर निकल रहा है। अनुसूचित जाति के लोग और मुसलमान गरीबी से बाहर आ रहे हैं। गरीबी मिटाने का तरीका कोई रेवड़ी बांटने जैसा नहीं होता है। जिस दिशा में हम बढ़ रहे हैं देश गरीबी से मुक्त हो जाएगा। हम ही जीते जी इसे देखेंगे। गौरव के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों ने यह ठान लिया है कि देश को जल्द ही गरीबी से मुक्त करना है। इसके लिए हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित तरीके से प्रयोग करने की आवश्यकता है।

यह है रूसा योजना

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत विश्वविद्यालय में छह नए रिसर्च सेंटर बनेंगे। इनमें सेंटर ऑफ आइटी एंड ऑटोमेशन, सेंटर ऑफ मैटेरियल साइंस, सेंटर ऑफ एन्वायरनमेंट एंड बायोलॉजी, सरस्वती रिसर्च सेंटर, सेंटर ऑफ अर्थ साइंस, सेंटर ऑफ स्किल डेवलपमेंट शामिल हैं। कुरुक्षेत्र विवि के वर्तमान और भविष्य को देखते हुए यह प्रोजेक्ट बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट की गुणवत्ता से ही विवि शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक दिशा तय कर सकता है। इस डिजिटल लांचिंग के साथ ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आने वाले दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय शोध सुविधाएं देने वाला सात मंजिला केंद्र बनकर तैयार होगा।

रूसा का दूसरा चरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह रूसा का दूसरा चरण है और इसके तहत पूरे देश में 3300 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। इनमें 26 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 70 मॉडल डिग्री कॉलेज, 11 प्रोफेशनल कॉलेज, 66 एंटरप्रीन्योरशिप, इनोवेशन एंड करियर हब और एक महिला विवि शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट से 4.2 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। इस डिजिटल लांच से देश के एक लाख विद्यार्थी सीधे प्रधानमंत्री से जुड़े और दो करोड़ 35 लाख ने सोशल साइट पर इसे देखा।

गरीबी की रिपोर्ट से उठी पीड़ा

छात्र गौरव ने बताया कि उसका सिविल सर्विसेज में रुझान है। गरीबी और वैश्विक मुद्दों से जुड़ी रिपोर्ट वह लगातार पढ़ता रहता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में गरीबी घट रही है। इसी पर उसने अपना सवाल रिकॉर्ड करके कुवि के जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री से पूछा था। गौरव लाडवा का रहने वाला है।


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