दक्षिणमुखी प्राचीन हनुमान मंदिर में डकैती के मामले को घुमा रही पुलिस
ब्रह्मसरोवर स्थित श्री दक्षिणमुखी प्राचीन हनुमान मंदिर में 24 दिसंबर 2018 को हुई मारपीट व तोड़फोड़ करने के मामले को पुलिस अभी भी घुमा रही है। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक की जा चुकी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर स्थित श्री दक्षिणमुखी प्राचीन हनुमान मंदिर में 24 दिसंबर 2018 को हुई मारपीट व तोड़फोड़ करने के मामले को पुलिस अभी भी घुमा रही है। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक की जा चुकी है। 20 दिसंबर को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को भी इसकी शिकायत की थी। मंत्री ने डीएसपी अजय राणा को तलब किया था। उन्होंने अपनी सफाई दे दी थी, लेकिन पुलिस की अपराध शाखा-एक से जांच में कोई शामिल नहीं हुआ। शिकायतकर्ता ने मामले की जांच राज्य अपराध शाखा से कराने की मांग की है।
शिकायतकर्ता हिमांशु शर्मा ने बताया कि 24 दिसंबर 2018 को कुछ लोगों ने मंदिर में जबरन घुस कर हमला कर दिया था। आरोपितों ने उनके साथ मारपीट भी की थी और मंदिर से सामान उठा कर ले गए थे। यह सारी वारदात सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो गई थी। पुलिस ने उस समय मारपीट, जबरन घुसने व सामान उठा कर ले जाने का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने जांच के दौरान डकैती और धार्मिक स्थल को खंडित करने की गंभीर धाराओं को हटा दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से एसपी को शिकायत पर जांच के लिए भेज दिया था। एसपी ने जांच लाडवा के डीएसपी से कराने के लिए भेजा। एसपी ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का निरीक्षण कराकर आरोपितों की पहचान कराने के आदेश दिए थे। आइपीसी की धारा 395 व 295 लगाने के लिए एडीए की सलाह मांगी गई थी। एडीए ने अपनी जांच में धारा लगाने को कहा था। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपितों ने इस संबंध में आइजी अंबाला रेंज को शिकायत भेज कर मामले की जांच किसी बाहर जिले के डीएसपी से कराने की मांग की। जिस पर यमुनानगर के उपमंडल रादौर के डीएसपी ने जांच की और धारा लगाने के लिए डीए के नेतृत्व में कमेटी गठित कर दोनों पक्षों को संतुष्ट करने की बात कही। डीए ने मामला अदालत में विचाराधीन होने की कहकर धारा लगाने पर कोई फैसला नहीं दिया। हिमांशु शर्मा का आरो है कि उन्होंने 20 दिसंबर 2019 को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत भेजी थी। उन्हें 14 जनवरी को डीएसपी अजय राणा ने जांच में शामिल होने के लिए बुलाया। वे डीएसपी कार्यालय गए और बयान दर्ज कराए। जांच अधिकारी वहां नहीं पहुंचे। उन्होंने मांग की है कि अगर सीआइए जांच नहीं कर पा रही तो मामले की जांच राज्य अपराध शाखा से कराई जाएं। पुलिस कर रही है मामले की जांच : देवेंद्र वालिया
पुलिस की अपराध शाखा एक के अतिरिक्त प्रभारी देवेंद्र वालिया ने बताया कि मामले की जांच एसआइ जगपाल के पास है। मामले में दोनों पक्षों की ओर से शिकायतें हैं। जिस पर जांच की जा रही है।