किसानों को धान की सरकारी खरीद का भुगतान अटका
इस्माईलाबाद अनाज मंडी में कई किसानों का धान की सरकारी खरीद का भुगतान लटक गया है। इसको लेकर किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : इस्माईलाबाद अनाज मंडी में कई किसानों का धान की सरकारी खरीद का भुगतान लटक गया है। इसको लेकर किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। अधिकारी किसानों की मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत जानकारी में मीन मेख निकाल रहे हैं। किसानों की समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे कहां जाएं। अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन का दावा है कि करीब एक करोड़ का भुगतान अटका हुआ है।
किसान राम कुमार, नरेश कुमार और राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने परमल धान सरकार को बेची थी। इसके बदले 72 घंटे के भीतर भुगतान खाते में आना था। लेकिन एक माह होने पर खरीद का भुगतान नहीं हो पाया है। जब इसकी जानकारी आनलाइन जुटाई गई तो उसमें डीएम-चार लिखा आता है। इसका कोई अधिकारी अर्थ तक नहीं बता पा रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें बार-बार यही कहा जा रहा है कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पंजीकरण में ही कहीं कमी रह गई है। इन किसानों का कहना है कि जब सरकार ने धान खरीद ली है तो उसका भुगतान रोकना न्यायोचित नहीं है। अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव बलदेव शर्मा का कहना है कि ऐसे किसानों का करीब एक करोड़ का भुगतान अटका हुआ है।
समस्या का निदान करेंगे : विनय
एसोसिएशन ने मार्केट कमेटी और खाद्य एवं पूर्ति विभाग से भी संपर्क किया। दोनों विभागों का कहना है कि उनकी ओर से खरीद संबंधी तमाम कार्रवाई सही मुकम्मल कर सरकार को भेजी जा चुकी है। अब किसानों को पंचकूला दस्तक देने का सुझाव दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर मार्केटिग बोर्ड के मुख्य प्रशासक विनय सिंह का कहना है कि इसकी विस्तार से जानकारी मंगवा कर समस्या का निदान किया जा रहा है।