सिघू बार्डर पर जल सेवा के लिए साइकिल से पहुंचा पटियाला का किसान
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में किसान अलग-अलग ढंग से मदद करने में जुटे हैं। पंजाब के पटियाला के किसान कमलजीत सिंह भी दो बार साइकिल से सिघू बार्डर पहुंचे हैं। वह सिघू बार्डर पर पहुंचकर वह किसानों के लिए लगे लंगर में जल सेवा करते हैं।
संवाद सहयोगी, शाहाबाद : तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में किसान अलग-अलग ढंग से मदद करने में जुटे हैं। पंजाब के पटियाला के किसान कमलजीत सिंह भी दो बार साइकिल से सिघू बार्डर पहुंचे हैं। वह सिघू बार्डर पर पहुंचकर वह किसानों के लिए लगे लंगर में जल सेवा करते हैं।
रविवार को दूसरी बार सिघू बार्डर से वापस लौट रहे किसान कमलजीत ने शाहाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। कमलजीत ने बताया कि वह पटियाला के गांव जोगीपुर का रहने वाला है। वह 13 जनवरी को सुबह दिल्ली के लिए निकले थे और जींद की ओर से सफर करते हुए टिकरी बार्डर पहुंचे और उसके बाद दिल्ली सिघू बार्डर पर पहुंचकर जल सेवा की।
इस बार उन्होंने करीब 500 किलोमीटर का सफर तय किया है। इससे पहले वह पांच दिसंबर को साइकिल पर दिल्ली किसान आंदोलन में गए थे। वह एक दिन में 60 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। कमलजीत ने कहा कि सिघू बार्डर पर ट्रालियों की भीड़ ऐसे में कोई भारी वाहन पहुंचना मुश्किल है। इसी कारण वह अपने साइकिल पर पानी के बाक्स लादकर किसानों तक पानी पहुंचाते हैं। दूसरी ओर गांव रत्नगढ़ के पास रविवार को 15वें दिन भी नरेंद्र सिंह की भूख हड़ताल जारी रही। भूख हड़ताल पर बैठे किसान नरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने किसानों के समर्थन में तीन दिसंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। छह घंटे से शुरू करने के बाद वह हर दिन इसमें आधा घंटा बढ़ा रहे हैं। किसान आंदोलन के प्रचारक भजन सिंह भजना ने भी रविवार को नरेंद्र सिंह की हौसला अफजाई की है।