अच्छा काम करने से मन में होती प्रसन्नता : शास्त्री
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राधिका गौरी से, बृज की छोरी से मईया करा दे मोरा ब्याह.. अ
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राधिका गौरी से, बृज की छोरी से मईया करा दे मोरा ब्याह.. और आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगा दो, मेहंदी लगाके मुझे ऐसा सजा दो, मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो.. सरीखे वैवाहिक मंगल गीतों के बीच रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण के गले में वरमाला डाली। इस विवाह के साक्षी रहे श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा करके श्रीकृष्ण-रुक्मिणी को उपहारों की सौगात दी। पावन अवसर था केयू के नॉन टी¨चग क्लब में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का।
कथावाचक अनिल शास्त्री ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग भजनों सहित विस्तार से सुनाया। कार्यक्रम में केयू डिस्पेंसरी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी. कुमार, राजपाल सिवाच एसडीओ, डॉ. पीसी तिवारी, डॉ. जितेंद्र शर्मा, डॉ. वासवा दत्ता, डॉ. आनंद दुबे, मदन गोपाल शर्मा, मदनलाल रंगा आदि ने श्रीमद्भागवत का पूजन किया। श्रीकृष्ण-रुक्मिणी बने बाल कलाकारों की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। प्रवचनों में बताया गया कि अच्छा कार्य मन में प्रसन्नता लाता है, जबकि बुरे कर्म से मन में हमेशा डर बना रहता है। किए हुए कर्मो का भुगतान तो करना ही होगा, इसलिए सर्वथा सद्प्रयास करना ही उचित है। कलियुग की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि इस युग में यदि मनुष्य चाहे कि अमुक व्यक्ति का अहित हो तो उसका उलटा ही होगा। यदि सभी के लिए सद्भावना रखें तो वह कार्य तो बनेगा ही। याद रखो, जो भी अच्छे या बुरे कर्म हम करते हैं, उसे हमारे दोनों कंधों पर अदृश्य रूप में बैठे चित्रगुप्त के दूत लिखते रहते हैं। इसलिए किसी भी जीव को सताओ मत। भागवत आरती में पं. श्रीकांत तिवारी, हेमंत वधवा पिपली, डॉ. जया दारुंडे, डॉ. रीटा दहिया, डॉ. दिनेश दहिया, डॉ. अनिता दुबे, डॉ. संतोष दुबे, डॉ. भूपेंद्र ¨सह यादव, डॉ. संतोष दहिया, डॉ. महेंद्र चांद, डॉ. शंकुतला नागर, डॉ. स्मिता चौधरी, डॉ. मुकेश, डॉ. ओपी आहूजा आदि थे।