सरकारी बाजरा डिपो निकालकर बाजार भाव में बेच दिया
गरीबों के हक का बाजरा निकालकर बाहर बाजार भाव में बेच दिया गया। इस खेल में डिपोधारकों के साथ अधिकारी भी शामिल रहे।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गरीबों के हक का बाजरा निकालकर बाहर बाजार भाव में बेच दिया गया। इस खेल में डिपोधारकों के साथ अधिकारी भी शामिल रहे। अधिकारियों ने जांच में भी खानापूर्ति की और इसमें डिपोधारकों के साथ सेटिग का खेल चलाया। एक-एक जोन से हजारों से लेकर लाखों में सेटिग की।
दैनिक जागरण ने रविवार के अंक में बाजरा घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसमें जनवरी महीने में पात्र लोगों के लिए भेजे गए बाजरे को उनको
न देकर जुलाई महीने में मशीनों से निकाल लिया गया। बाजरे के इस खेल में डिपोधारकों से लेकर अधिकारियों तक की कड़ी जुड़ी हैं।
अधिकारियों पर फोड़ा ठिकरा
कई डिपोधारक बाजरे में गड़बड़झाले का ठिकरा अधिकारियों पर फोड़ रहे हैं। एक डिपोधारक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अधिकारियों ने इस मामले की बाकायदा जांच कराई। एक-दूसरे क्षेत्र में अधिकारियों को लगाया गया। अधिकारियों ने यहीं पर वसूली का बड़ा खेला। पिहोवा क्षेत्र के राशन डिपो में लाखों का खेल खेला गया। विभाग का एक अधिकारी इस मामले में फंसता नजर आ रहा है।
दो क्विंटल तक बाजरा निकाला
राशन डिपो पर दो-दो क्विटल तक बाजरा मशीनों से चोरी छीपे निकाला गया। डिपोधारकों ने इतने बड़े स्तर पर गोलमाल बड़ी आसानी से किया। कार्डधारकों को इसकी कानोंकान भी खबर नहीं लगने दी। एक जानकार ने बताया कि अधिकारियों ने करीब 40 राशन डिपो की सप्लाई सस्पेंड की है। इसके अलावा कई पर जुर्माना भी लगाया है। जबकि अधिकारी 20 डिपो की सप्लाई सस्पेंड करने की कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। यह है मामला
सरकार ने इस बार डिपो पर जनवरी महीने में आखिरी बार बाजरा भेजा था। इस बाजरे को उसी महीने पात्र लोगों को देना था, लेकिन डिपोधारकों ने बाजरा नहीं दिया। इसी बीच मार्च महीने में लॉकडाउन लग गया। इसी बीच सरकार की घोषणा का गेहूं मिलना शुरू हो गया। पात्र लोग बाजरे को भूल गए। राशन डिपोधारकों
ने अधिकारियों की शह पर करीब 1405 क्विंटल बाजरा मशीनों से जुलाई महीने में निकाल लिया।
राशन डिपो से बाजरा निकालकर बाजार में बेचने की कोई रिपोर्ट नहीं है। इसमें कमी मिलने पर 21 राशन डिपो की सप्लाई सस्पेंड कर दी थी।
कुशल पाल बुरा, नियंत्रक, डीएफएससी।