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नर्सरी छूटी, लेकिन सपने नहीं टूटे, युवाओं को कर रहे तैयार

सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं सपने वो होते हैं जो सोने नहीं देते हैं। कविता की ये लाइन साधु मंडी निवासी आसिर खान पर सटीक बैठ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 06:14 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 06:14 PM (IST)
नर्सरी छूटी, लेकिन सपने नहीं टूटे, युवाओं को कर रहे तैयार
नर्सरी छूटी, लेकिन सपने नहीं टूटे, युवाओं को कर रहे तैयार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो सोने नहीं देते हैं। कविता की ये लाइन साधु मंडी निवासी आसिर खान पर सटीक बैठ रही हैं। आसिर खान ने खेल के क्षेत्र में युवाओं को आगे लाने का सपना देखा, उनके सामने कुछ ही वर्षाें में खुद को आगे बढ़ाने तक के लिए धरती नजर नहीं आई, लेकिन आसिर ने हिम्मत नहीं हारी और अपने सपने को युवा पीढ़ी में देखा। उनके पास दौड़ और फिजिकल की तैयारी कर दर्जनों बच्चे पुलिस और फौज में नौकरी पा चुके हैं।

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आसिर खान ने बताया कि उसने अपने बचपन में सेना में जाने का सपना देखा। इसके लिए दौड़ की प्रेक्टिस की। कोच ने भी उनका दौड़ पसंद आई और एथलेटिक्स में आगे आने का रास्ता दिखाया। आल इंडिया यूनिवर्सिटी में क्रास कंट्री दौड़ में एक गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीता। वह रुड़की भर्ती में चयनित भी हो गया, लेकिन कोच ने खेलों में आगे आने की कहकर उनको जाने से रोक दिया। उसका सेना में जाने का सपना अधूरा रह गया। उसने फिर नई पीढ़ी को बेहतर खेल प्रशिक्षण देने के लिए बीपीएड, एमपीएड और एथलेटिक्स में एनआइएस की। उसने इसके बाद जिला तकनीकी अधिकारी की परीक्षा को क्वालिफाई किया। वह 2015 से स्टेडियम में युवाओं को दौड़ का प्रशिक्षण देने लगा। इसी बीच स्कूलों में नर्सरी से जुड़ गया। इसी बीच स्कूलों में नर्सरी बंद हो गई। उसने हिम्मत बनाए रखी और उन्होंने नई पीढ़ी में अपना सपना देखा। द्रोणाचार्य स्टेडियम में युवाओं को एथलेटिक्स का प्रशिक्षण देना शुरू किया। युवा उनके पास प्रशिक्षण लेकर सेना और पुलिस में भर्ती में युवा चयनित हुए तो उनका भी उत्साह बढ़ गया। अब युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देते हैं।

दो सत्रों में 50 युवा करते प्रेक्टिस

आसिर खान ने बताया कि उसके पास अब 50 बच्चे प्रशिक्षण लेने आते हैं। खिलाड़ियों को एथलेटिक्स का निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं। नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं से पांच सौ रुपये चार्ज लिया जाता है। सुबह व शाम को प्रशिक्षण दिया जाता है। इनकी दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद सहित सेना के फिजिकल की पूरी तैयारी कराई जाती है। सुबह पांच से आठ और शाम को दो से चार बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता है। अब कोरोना के चलते प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। युवाओं को एथलेटिक्स के टिप्स आनलाइन दिए जाते हैं। शहर के आसपास के गांवों के अलावा कैथल से भी युवा फिजिकल की तैयारी करते हैं।

भर्ती होकर चमका रहे नाम

आसिर खान ने बताया कि सेना की यमुनानगर में हुई भर्ती में उनके 15 बच्चे चयनित हुए हैं। हरियाणा पुलिस पुरुष वर्ग में तीन और एक महिला वर्ग में चयन हुआ है। पंजाब पुलिस में एक लड़की और दो लड़के चयनित हुए हैं। कमांडों में चार और हरियाणा पुलिस की सब इंस्पेक्टर की भर्ती में एक प्रशिक्षु चयनित हुआ है।

जिला पुलिस इन वर्षाें में मजबूत हुई

जिले में पुलिस पिछले सालों से मजबूत हुई है। जिले में दस साल पहले नौ पुलिस थाने थे। अब 13 थाने बन गए हैं। इनमें 12 सामान्य पुलिस थाना और एक ट्रैफिक का थाना है। जिले में करीब 13सौ पुलिसकर्मी हैं। इसके साथ चीता राइडर और डायल 112 आने के बाद पुलिस तंत्र मजबूत बना है। ग्रामीण आंचल के युवा सेना और पुलिस में जाना पसंद करते हैं। वे इसके लिए हर मौसम में प्रेक्टिस करते हैं।


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