Move to Jagran APP

पंजाब से एसवाईएल का नाका खुलवाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता रखेंगे उपवास

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली को घेरे बैठे किसानों के बीच भारतीय जनता पार्टी पंजाब से हरियाणा के हिस्से का पानी लेने की मांग को लेकर मैदान में कूद आई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 08:30 AM (IST)
पंजाब से एसवाईएल का नाका खुलवाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता रखेंगे उपवास
पंजाब से एसवाईएल का नाका खुलवाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता रखेंगे उपवास

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली को घेरे बैठे किसानों के बीच भारतीय जनता पार्टी पंजाब से हरियाणा के हिस्से का पानी लेने की मांग को लेकर मैदान में कूद आई है। भाजपा कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर 19 दिसंबर को एक दिन का उपवास रखेंगे। इसमें नेता और कार्यकर्ताओं के साथ किसान भी शामिल होंगे। सुबह 10 से सायं चार बजे तक उपवास रखने के बाद एसवाइएल के पानी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने की मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।

loksabha election banner

इसको लेकर वीरवार को सर्किट हाउस में थानेसर विधानसभा के कार्यकर्ताओं की एक बैठक की। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी ने की। इससे पहले विधायक सुभाष सुधा, जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, उपाध्यक्ष अनु मल्यान, धीरज वालिया, रेणु खुंगर, महामंत्री सुशील राणा, पूर्व महामंत्री रविद्र सांगवान व मंडलाध्यक्ष दीपक चौहान ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक और सफल बनाने के लिए लंबी चर्चा की और निर्णय लिया कि एसवाइएल का पानी प्रदेश में लाने के लिए और पंजाब से एसवाइएल का नाका खुलवाने के लिए 19 दिसंबर को सांकेतिक उपवास रखा जाएगा।

जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और नेता गांव-गांव जाकर लोगों को हरियाणा के किसानों के पानी का हक यानी एसवाईएल का पानी लाने के लिए जागरुक किया जाएगा। किसानों को बताया जाएगा कि पंजाब सरकार हरियाणा के किसानों के पानी के हक के साथ खिलवाड़ कर रही है। एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी हरियाणा के हक में फैसला दिया। एसवाईएल का पानी न मिलने के कारण प्रदेश की हजारों एकड़ भूमि की सिचाई नहीं हो पा रही है। इसके पानी आने से हजारों एकड़ भूमि पर सहजता से सिचाई हो पाएगी।

विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि 19 दिसंबर को भाजपा नेता, कार्यकर्ता और किसान केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त करेंगे। सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान सुझावों को माना है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। यह तीनों कृषि कानून किसानों के हक में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.