चौदस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे सरोवर, धारा 144 के बाद भी प्रशासन नहीं रोक पाया
कुरुक्षेत्र। सरकार ने एक दिन पहले ही पिहोवा और कुरुक्षेत्र तीर्थ पर पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सरकार ने एक दिन पहले ही पिहोवा और कुरुक्षेत्र तीर्थ पर पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी, लेकिन श्राद्ध पक्ष की चौदस पर बुधवार को सन्निहित और ब्रह्म सरोवर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से नहीं रोक पाया। सन्निहित सरोवर के मुख्य द्वार पर लगे नाके से ही होते हुए श्रद्धालु सरोवर पर पहुंचे। विधवा महिलाओं ने सरोवर पर स्नान के बाद कपड़ों का दान की रस्म भी की। मगर सबसे बड़ी बात यह है रही कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए श्रद्धालु सन्निहित सरोवर तक ट्रैक्टर ट्रालियों, फोर व्हीलर और ऑटो में भरकर पहुंचे। ठीक नाके के नजदीक इन श्रद्धालुओं को उतारकर वाहन चालकों ने वाहनों को सरोवर के किनारे ही पार्क किया। ऐसे में जिला प्रशासन के लिए वीरवार को अमावस्या पर श्रद्धालुओं को ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर पर पहुंचकर स्नान करने से रोकना भी चुनौती साबित होगा, क्योंकि श्राद्ध पक्ष की अमावस्या सबसे बड़ी समस्या होती है। बड़ी तादाद में श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचकर पिडदान कराते हैं। ये जारी किए थे आदेश
जिलाधीश शरणदीप कौर बराड़ ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सरस्वती तीर्थ पिहोवा, सन्निहित व ब्रह्मसरोवर में 16 व 17 सितंबर को आश्विन मास की चौदस व अमावस्या के दौरान श्रद्धालुओं के आने की संभावना होने पर यात्रियों के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने मंगलवार को देर रात्रि दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 में वर्णित शक्तियों के तहत कुरुक्षेत्र में तुरंत प्रभाव से सरस्वती तीर्थ पिहोवा, सन्निहित व ब्रह्मसरोवर में पांच या पांच से अधिक श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने व कर्मकांड-पिडदान कार्य को प्रतिबंधित कर धारा 144 लगा दी थी। साथ ही पुलिस अधीक्षक व संबंधित थाना प्रभारियों को नियंत्रण क्षेत्र में भारी वाहनों, यातायात को अपनी निगरानी से निकलवाने के आदेश भी दिए थे। रोक लगाने की बजाये नियमों की पालना हो
श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान पंडित पवन शर्मा पौनी ने कहा कि जब सब कुछ अनलॉक हो गया है। यातायात, बसें, होटल, बाजार, माल खुल गए तो पूजा पाठ पर भी रोक नहीं लगानी चाहिए। प्रशासन को यहां पर शारीरिक दूरी और तमाम एहतिहात बरतने के नियमों की पालना कराने के लिए पुलिस तैनात करनी चाहिए ताकि लोग नियमों का पालन करते हुए अपने पितरों को जल अर्पित कर सकें।