नवीन जिंदल बोले- बिजनेस में हर घंटे हो रहा था 60 लाख का नुकसान, इसलिए नहीं लड़ा चुनाव
उद्योगपति और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल ने कहा कि बिजनेस में हो रहे नुकसान के कारण वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़े। उन्हेें बिजनेस में हर घंटे करीब 60 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था।
कुरुक्षेत्र, [पंकज आत्रेय]। उद्योगपति और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल ने कहा है कि उन्होंने बिजनेस में हो रहे बड़ेे नुकसान की वजह से इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़नेे का फैसला किया है। उनको हर घंटेे 60 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था। ऐसे में मेरे लिए चुनाव लड़ना बेहद मुश्किल था। नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से 14वीं और 15वीं लोकसभा में सांसद रहे।
नवीन जिंदल ने यहां एक कार्यक्रम में बताया कि आखिर उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ा? उन्होंने कहा कि समय, काल और परिस्थितियां अनुकूल होतीं तो अवश्य चुनाव लड़ता। कंपनी में मोटा नुकसान हो गया। वर्ष 2004 में कंपनी पर 1000 करोड़ रुपये का कर्ज था। 2009 में साढ़े सात हजार करोड़ और वर्ष 2014 में 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था, क्योंकि काम बढ़ाया था। उसके बाद यह बढ़कर हो गया 50 हजार करोड़ रुपये। यानि कि रोज का 14 करोड़ रुपये और 60 लाख रुपये घंटे का ब्याज-ब्याज था। ऊपर से कोल ब्लॉक रद कर दिए गए।
पहली बार समाज की विशेष बैठक में सार्वजनिक किया चुनाव नहीं लडऩे का कारण
नवीन जिंदल ने रेलवे रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में समाज की बैठक में खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि जब मेरी कंपनियां ठीक थीं तब अधिकतर समय यही सोचता था कि कुरुक्षेत्र के लिए क्या करूं? कंसलटेंट, डॉक्टर बुला-बुलाकर योजना बनाता था। तब कंपनी के अंदर अच्छी कमाई थी। अब कंपनी में मोटा नुकसान हो गया।
बोले- सुभाष चंद्रा से अब कोई लड़ाई नहीं
अपनी दुश्वारियां गिनाते हुए जिंदल बोले, एक तो सैद्धांतिक लड़ाई सुभाष चंद्रा से हुई। मैंने स्पष्ट कर दिया था कि दबाव में आकर कुछ नहीं करूंगा। कोई एक सज्जन पुरुष हैं, उन्होंने मुझे भी समझाया और उन्हें भी। आखिर में हम दोनों भाई समझ गए कि इसमें फायदा किसी का नहीं तो हमने उस मुद्दे को छोड़ दिया। अब उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।
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कहा- समाज का एक होना जरूरी
जिंदल ने अग्रवाल समाज से भी एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों की तरह हमें भी एक होना चाहिए। अन्य समाज 90 प्रतिशत इकट्ठेे हो जाते हैं और हम अपने आदमी की टांग खींचने में लगे रहते हैं। 2014 में कुरुक्षेत्र लोकसभा की जनता ने दूसरे आदमी को चुना। मुझे लगा कि वह यहां के लिए कुछ करेंगे। अब दुख होता है कि उसने कुछ नहीं किया। मुझमें भी कुछ कमियां होंगी, लेकिन जो मौजूदा हैं उसमें तो 100 कमियां हैं।
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कांग्रेस ने सर्वे कराया
जिंदल ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने टिकट पर फैसले से पहले लोकसभा क्षेत्र का सर्वे कराया। मुझे कहा गया कि चुनाव लड़ लो, आप जीत रहे हो। मैंने कहा, मुझे मालूम है मैं जीत रहा हूं। अभी इस परिस्थिति में नहीं हूं कि चुनाव लड़ूं। राजनीति तो करूंगा, लेकिन फुल टाइम। तब अपना जीवन राजनीति के जरिये समाज सेवा में लगा दूंगा, क्योंकि मैं राजनीति करने नहीं आया हूं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिनका काम सिर्फ चुनाव लड़ना है। जीतो या हारो। उन्होंने समाज के लोगों से कहा कि निर्मल सिंह में वे नवीन को ही देखें। सांसद बनने से सांसद बनवाने वाला ज्यादा ताकतवर होता है।
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पीएम मोदी पर चुटकी ली
नवीन जिंदल ने कहा कि सांसद रहते हुए उन्होंने लोगों के घरों में शौचालय बनवाए, लेकिन इसका कभी ढि़ंढोरा नहीं पीटा। यह हमारा फर्ज है। आज प्रधानमंत्री मोदी इंग्लैंड में जाकर कहते हैं कि भाइयों-बहनों क्या शौचालय नहीं होने चाहिए? यह कोई बात है? हमारे समाज में यह सिखाया जाता है कि आदमी जितना बड़ा हो, उतने प्यार से बात करे। अपने घर की बातें भी विदेश में जाकर क्यों बताते हैं?
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