Move to Jagran APP

नई तालीम को बुनियादी शिक्षा भी कहते : प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि नई तालीम को बुनियादी शिक्षा भी कहते हैं, जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षा से संबंधित थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 12:19 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 12:19 AM (IST)
नई तालीम को बुनियादी शिक्षा भी कहते : प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि नई तालीम को बुनियादी शिक्षा भी कहते हैं, जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षा से संबंधित थी। इस उद्देश्य की अगर हम बात करें तो मस्तिष्क हृदय व हाथ का विकास करना है। इसमें विद्यार्थियों को केवल अपने मस्तिष्क का ही प्रयोग नहीं करना है, बल्कि अपने हाथों व भावों का भी विकास करना है। इससे कि उसका संपूर्णता से विकास हो सके। वे सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद की ओर से संकाय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय शिक्षण महाविद्यालय की ओर से चलाए गए सात दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

loksabha election banner

कुलपति ने कहा कि इसके लिए अगर हम विद्यार्थियों को मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था करें तथा समयाविधि का उपयोग करते हुए शिक्षित करें तो सर्वांगीण विकास संभव हो सकता है। नई तालीम में स्थानीय संसाधनों का भरपूर उपयोग करते हुए शिक्षा को व्यवसाय से जोड़ने की बात कही है तथा शिक्षा रोजगारपरक हो, क्राफ्ट बेस्ड हो। नई तालीम मानव निर्माण की शिक्षा है, उनके अनुसार शिक्षा भारतीय परिस्थितियों के अनुसार भारतीयता पर आधारित हो। इस अवसर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय गा्रमीण शिक्षा परिषद के संयोजक प्रियव्रत शर्मा, संकाय सदस्य दिव्या छाबड़ा, कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. तरूणा चौधरी ढल, सह-संयोजक डॉ. अमिषा ¨सह व स्टाफ के सभी सदस्य मौजूद रहे। बॉक्स

बीएड कालेज आफ एजुकेशन होगा अब इंस्टीट्यूट आफ टीचर ट्रे¨नग एंड रिसर्च कुवि कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ एजूकेशन को विभाग का दर्जा प्राप्त होने तथा इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर ट्रे¨नग एंड रिसर्च के नाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ एजूकेशन के इंस्टीट्यूट बनने से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट आफ टीचर ट्रे¨नग एंड रिसर्च अच्छे शिक्षक तैयार होंगे जिसका समाज को फायदा होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.