गुरु-शिष्य स्कीम से हरियाणा की नगाड़ा व बीन जोगी कला को मिलेगा संरक्षण: सौभाग्य
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के निदेशक सौभाग्य वर्धन ने कहा कि नार्थ ईस्ट राज्यों की लुप्त हो रही लोक कला और शिल्प कला को संरक्षित करने के लिए गुरु-शिष्य योजना को अमलीजामा पहनाने का काम किया गया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के निदेशक सौभाग्य वर्धन ने कहा कि नार्थ ईस्ट राज्यों की लुप्त हो रही लोक कला और शिल्प कला को संरक्षित करने के लिए गुरु-शिष्य योजना को अमलीजामा पहनाने का काम किया गया है। इस योजना के तहत नार्थ ईस्ट के राज्यों से दो से चार लोक कलाओं को संरक्षित करने का निर्णय लिया है। अहम पहलू यह है कि हरियाणा राज्य में नगाड़ा, बीन बांसुरी और सारंगी की लोक कलाओं को संरक्षित करने का काम शुरु किया गया है। निदेशक सौभाग्य वर्धन में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान केडीबी मीडिया सेंटर में विशेष बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से संगीत प्रोफेसर पद से स्वयं सेवानिवृति लेने के बाद सात फरवरी 2018 को एनजेडसीसी के निदेशक पद का कार्यभार संभाला। हालांकि वे अपने परिवार की 14वीं पीढ़ी में संगीत विधा को आगे बढ़ा रहे है। उनका परिवार रामपुर सदारंग परम्परा से ही संगीत गायन से जुड़ा हुआ है। इसलिए संगीत उनके रोम-रोम में विराजमान है और वे लोक कला की बारीकियों से रुबरु है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चिता का विषय है कि लेह लदाख, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी लोक कलाएं या तो लुप्त हो चुकी है या फिर लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। बॉक्स
गुरु-शिष्य योजना क्या
उन्होंने कहा कि एनजेडसीसी नोर्थ ईस्ट के राज्यों की लुप्त हो रही दो से चार लोक कलाओं को संरक्षित करने का काम कर रही है। इसके लिए गुरु-शिष्य योजना को लागू किया है। इस योजना के तहत वास्तविक गुरु तक शिष्यों को पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस योजना के तहत गुरु को 10 हजार रुपये, सहायक को सात हजार रुपये और गुरु के पांच शिष्यों को दो-दो हजार रुपये छह माह तक दिए जाएंगे। इसके पश्चात परीक्षण करने के बाद इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है। हरियाणा में नगाड़ा, बीन जोगी और सारंगी की लोक कलाओं को संरक्षित करने का निर्णय लिया है। इस समय इसमें से सारंगी के दो या तीन कलाकार, नगाड़ा पार्टी के तीन ग्रुप और जंगम जोगी के भी एक या दो ग्रुप ही शेष रह गए हैं। इन कलाकारों को गुरु-शिष्य योजना के साथ जोड़ा जा रहा है। बॉक्स
ब्लैक पोट्री बचाने की मुहिम
सौभाग्य ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की शिल्प कला ब्लैक पोट्री को बचाने के लिए करीब चार किलोमीटर दुर्गम मार्ग से होकर गांव सफुरा पहुंचे, जहां पर एक परिवार में चार बेटे हैं। सभी अपनी शिल्पकला ब्लैक पोट्री को छोड़ मनरेगा के तहत काम कर रहे थे। इस परिवार के सभी लोगों को एनजेडसीसी के साथ जोड़कर कलाग्राम में ब्लैक पोट्री को रखा गया और निशुल्क स्टाल दिया गया।
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22 राज्यों की 45 टीमें आईं
इस वर्ष गीता महोत्सव में 22 से ज्यादा राज्यों की 45 टीमों ने अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को पर्यटकों के समक्ष रखा और इन टीमों में 700 से ज्यादा कलाकार थे। इसके अलावा बाजीगर, बहरुपिए, कच्ची घोड़ी, लौहार-लुहारी, नगाड़ा पार्टी, बीन बांसुरी पार्टी के कलाकारों ने भी लोगों का मनोरंजन किया और एनजेडसीसी की तरफ से देशभर से शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया और इस महोत्सव में शिल्पकारों को 250 स्टाल आंवटित किए गए थे। इस मौके पर एनजेडसीसी के अधिकारी राधे श्याम उपस्थित थे।