सर्वार्थसिद्धि योग में शुरू होंगे नवरात्र, गुरु और शनि स्वगृही होने पर होंगे शुभ
आश्विन माह के नवरात्र की आज से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र सर्वार्थसिद्धि योग में होंगे। गुरु व शनि के स्वगृही होने पर नवरात्र बहुत ही शुभ होंगे।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आश्विन माह के नवरात्र की आज से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र सर्वार्थसिद्धि योग में होंगे। गुरु व शनि के स्वगृही होने पर नवरात्र बहुत ही शुभ होंगे। ये 24 अक्टूबर तक चलेंगे। 25 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र उत्सव के साथ शहर के मंदिरों व बाजारों में रौनक लौट आई है। शहर के अलग-अलग मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है। मुख्य मार्केट में भी लोग खरीदारी करते नजर आए। शुक्रवार को बाजार में सुबह से भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने नवरात्रि के दौरान मां का पूजन करने के लिए सामग्री खरीदी। पिछले कई दिनों से बाजारों में छाई मंदी भी नवरात्र उत्सव के साथ दूर होने की उम्मीद जताई जा रही है।
लाइटों से जगमग हुए मंदिर
शहर के मंदिरों को रंगबिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में विशेष रूप से सजाया गया है। इसके साथ ही काली कमली स्थित मां काली मंदिर, सन्निहित सरोवर स्थित दुखभंजन काली मंदिर, ब्रह्मसरोवर स्थित कात्यायनी मंदिर, मां वैष्णो मंदिर, पिपली स्थित श्रीदुर्गा मंदिर, गांव हथीरा स्थित मां बाला सुंदरी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में नवरात्र की विशेष तैयारियां की गई है। कोरोना महामारी के चलते मंदिरों को सैनिटाइज कर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज कराने की व्यवस्था सभी मंदिरों में है। मंदिर प्रबंधकों ने कोरोना महामारी के चलते विशेष प्रबंध किए हैं। इस दौरान मंदिरों में अधिक भीड़ न होने के भी प्रबंध किए गए हैं।
मार्केट में लौटी रौनक
कोरोना महामारी के कारण लोग खरीदारी नहीं कर रहे थे। नवरात्र से एक दिन पहले लोगों ने पूजन के लिए जमकर खरीदारी की। शुक्रवार को मार्केट में खूब रौनक रही। फूल, चुनरी, नारियल, माता के श्रृंगार की खरीदारी हुई। शाम को मार्केट में भारी भीड़ रही। लोगों ने नवरात्रों के लिए नए वस्त्र खरीदे। दुकानदार वेदप्रकाश ने बताया कि शुक्रवार को सुबह से मां के श्रृंगार लेने वालों की ताता लगा हुआ है। देर शाम तक बाजार में खरीदारी चलती रही।
सुबह 8:16 बजे कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्र पर सुबह 8 बजकर 16 मिनट बजे कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। यह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य डा. रामराज कौशिक ने बताया कि कलश स्थापना के पूरे दिन में कई योग बन रहे हैं। इसमें सुबह 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी बड़ी संख्या में लोग कलश स्थापना करके शक्ति की अराधना शुरू करते हैं। दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट और शाम 7 बजकर 13 मिनट से 9 बजकर 12 मिनट तक स्थिर लग्न है। इसमें भी कलश स्थापना की जा सकती है। पहले दिन घट स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
बन रहे तीन सर्वार्थसिद्धि योग
इस नवरात्रि के दौरान तीन सर्वार्थ सिद्धि योग 18 अक्टूबर, 19 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को बन रहा है। वहीं, एक त्रिपुष्कर योग 18 अक्टूबर को बन रहा है। ज्योतिषाचार्य डा. रामराज कौशिक ने बताया कि नवरात्र के दौरान गुरु व शनि स्वगृही रहेंगे। जो बेहद फलदायी है। इस नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करना लाभकारी होगा। इस दौरान झूठ, फरेब व व्यसन से बचना चाहिए। कन्या पूजन के साथ-साथ नौ वर्ष से कम की कन्याओं को उपहार भी देना चाहिए।
ऐसे करें कलश स्थापना
- सबसे पहले स्नान करके गणेश का नाम लें और मंदिर को सजाएं।
- इसके बाद मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर जौ के बीज डालें और ज्योत जलाएं।
- तांबे के कलश पर मौली बांधकर उस पर स्वास्तिक बनाएं।
- कलश के ऊपर आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें।
- अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीच रख दें।