मां बच्चों की प्रथम गुरु : रवि
विद्या भारती हरियाणा के संगठन मंत्री रवि ने कहा कि बच्चे वही सीखते हैं जो अपने चारों ओर देखते हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
विद्या भारती हरियाणा के संगठन मंत्री रवि ने कहा कि बच्चे वही सीखते हैं जो अपने चारों ओर देखते हैं। अभिभावक और शिक्षक बच्चों को ऐसा माहौल दें, जिससे वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हों। मां की किसी से तुलना नहीं की जा सकती। मां बालक की प्रथम गुरु तथा परिवार प्रथम पाठशाला होती है। महिलाओं को बालिकाओं के बारे में ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। वह गीता निकेतन विद्या मंदिर सेक्टर-तीन विद्यालय में आयोजित मातृ सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिता का विषय है कि बच्चे मोबाइल और टेलीविजन के ज्यादा नजदीक रहते हैं। इसलिए माताओं को चाहिए कि वे बच्चों के टेलीविजन के कार्यक्रम सुनिश्चित करें और उन्हें अच्छे और बुरे का फर्क समझाएं। उन्होंने माताओं से बच्चों से संबंधित प्रश्न भी किए। विद्यालय प्रबंध समिति की महिला सदस्य योगिता ने कहा कि भगवान हर जगह उपस्थित नहीं हो सकता, इसलिए उन्होंने मां को बनाया। मां ही बच्चों को सबसे ज्यादा समय दे सकती है और उनके भविष्य को संवार सकती है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बलवंत सिंह, मातृ परिषद अध्यक्ष जसपाल कौर और उपाध्यक्ष सुनिधि मौजूद रही।