शरीर में अमलता एवं क्षारता का संतुलन बिगड़ने पर ही अधिकतर रोग होते हैं : देसराज
उसे क्षारीय भोज्य पदार्थ अधिक सेवन करने चाहिए
उसे क्षारीय भोज्य पदार्थ अधिक सेवन करने चाहिए जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जब मनुष्य के शरीर में अमल और क्षार का संतुलन बिगड़ जाता है तो उसके शरीर में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, अवसाद इत्यादि बहुत से रोग उत्पन्न हो जाते हैं। मानव का शरीर प्राकृतिक रूप से अम्लीय होता है। उसे क्षारीय भोज्य पदार्थ अधिक सेवन करने चाहिए, ताकि शरीर में अमल व क्षार का संतुलन बना रहे। यह बात भारतीय योग संस्थान दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय निश्शुल्क ऑनलाइन योग साधना शिविर में दूसरे दिन साधकों को संबोधित करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री देसराज ने कही।
उन्होंने कहा कि यदि लंबे समय तक रक्तचाप सामान्य से अधिक रहे तो उसे ढीले में नहीं लेना चाहिए, बल्कि तुरंत कंट्रोल करने के उपाय करने चाहिए। उच्च रक्तचाप हमारे शरीर की बहुत-सी प्रणालियों को खराब कर देता है। रक्त नलिकाओं का लचीलापन कम होकर उनमें चर्बी जमा होने से रक्त को आगे जाने में अधिक समय लगता है और हृदय को अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे बहुत से अन्य रोग भी शरीर में लग जाते हैं। अधिक नमक व तेल युक्त गरिष्ठ भोजन करने व ज्यादा खाने से परहेज करना चाहिए। अंग्रेजी दवाओं का सेवन कम से कम करना चाहिए। साथ ही धूम्रपान व मद्यपान से बचना चाहिए। योग व प्राकृतिक चिकित्सा से इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। प्रतिदिन नियमित रूप से आसन, प्राणायाम व ध्यान साधना करने से जीवनी शक्ति मजबूत बनती है। अपनी जीवन शैली, खानपान, विचार, व्यवहार इत्यादि में परिवर्तन करके और प्रकृति व योग को अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। शिविर में 507 प्रतिभागियों ने भाग लिया।