मनरेगा मजदूरों के हितों की हो रही अनेदखी : राम
मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष पाला राम ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों के हितों की अनदेखी कर रही है। पिछले वर्ष भी मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं दिया गया है और अब अगले साल के बजट में भी इसके लिए जारी की जाने वाली राशि में पांच हजार करोड़ रुपये घटा दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष पाला राम ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों के हितों की अनदेखी कर रही है। पिछले वर्ष भी मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं दिया गया है और अब अगले साल के बजट में भी इसके लिए जारी की जाने वाली राशि में पांच हजार करोड़ रुपये घटा दिए गए हैं। यह सरासर मनरेगा मजदूरों के साथ अन्याय है। वह यूनियन की ओर से रविदास मंदिर और धर्मशाला में आयोजित जिला स्तरीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री बात तो मजदूरों की करते हैं, लेकिन काम पूंजीपतियों के लिए करते हैं। सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधन करके पूंजीपतियों को मजदूरों का बेतहाशा शोषण और दमन करने की छूट दे दी है। एक अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 के दौरान मजदूरों को औसतन 40 दिन काम दिया गया है। इस पर सरकार की ओर से 65 हजार करोड़ रुपये खर्च किया गया है। मजदूर पूरे 100 दिन काम देने के लिए इस बजट में 15 हजार रुपये बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने 2019-20 के लिए 60 हजार करोड़ रुपये के बजट का ही प्रावधान रखा है। निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन महासचिव सुरेश कुमार ने कहा कि मजदूरों को अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। जन संघर्ष मंच की प्रदेश महासचिव सुदेश कुमारी ने कहा कि प्रत्येक पार्टी चुनावों में वोट बटोरने के लिए वादे करती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद सब भूला देती है। मौजूदा सरकार ने मजदूरों पर हमले तेज कर दिए हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिला प्रधान नरेश कुमार, उषा कुमारी, कुलदीप, मेवा राम, कश्मीर ¨सह, बिमला, बलकार ¨सह, रोहताश मौजूद रहे।