मीरी-पीरी अस्पताल एनएबीएच की श्रेणी प्राप्त करने में हुआ सफल
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की और से संचालित मीरी-पीरी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस एंड रिसर्च (चेरिटेबल ट्रस्ट) को नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच एंट्री लेवल) एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मान्यता मिल गई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर की और से संचालित मीरी-पीरी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस एंड रिसर्च (चेरिटेबल ट्रस्ट) को नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच एंट्री लेवल) एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मान्यता मिल गई है। इससे अस्पताल में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को बेहतर इलाज के लिए कैशलेस समेत उच्च श्रेणी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. संदीप इंदर सिंह चीमा ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर ने मान्यता दे दी है। इससे मीरी-पीरी अस्पताल शाहाबाद का एकमात्र (एनएबीएच एंट्री लेवल) मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की श्रेणी प्राप्त करने में सफल हो गया है। डा. चीमा ने बताया कि एनएबीएच की मान्यता के उपरांत अब जल्द ही मीरी-पीरी अस्पताल इसीएचएस, सीजीएचएस, ईएसआइ और प्रदेश सरकार के पैनल पर भी आएगा, जिसके लिए आवेदन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एनएबीएच की मान्यता लेने के लिए 160 मानक पूरे करने पड़ते हैं। इसमें साफ-सफाई, रखरखाव, पर्यावरण सुरक्षा, पैरामेडिकल स्टाफ, चिकित्सकों की योग्यता, अनुभव, उपलब्ध संसाधन, लैब, मशीनों-उपकरणों का स्तर, इंफेक्शन से बचाव के उपकरण आदि होने चाहिए। उन्होंने साफ किया कि बहुत ही कम ऐसे चैरिटेबल अस्पताल हैं, जिन्हें एनएबीएच की मान्यता पर्याप्त है। डा. चीमा ने बताया कि अब जन सामान्य के साथ-साथ मीरी-पीरी अस्पताल में स्वास्थ्य बीमा पालिसी धारकों को बेहतर इलाज कराने की कैशलेस समेत उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे मरीजों को बाहर इलाज कराने से छुटकारा मिल जाएगा । मीरी-पीरी अस्पताल में चल रहा था कोविड अस्पताल सीईओ डा. चीमा ने बताया कि कोरोना के चलते सरकारी मांग के उपरांत व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान गोबिद सिंह लोंगोवाल के निर्देशानुसार मीरी-पीरी अस्पताल में कोविड का अलग अस्पताल कोरोना पीड़ित मरीजों को डेडीकेट किया गया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान जनता का भी विशेष ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक था, इसलिए कोविड व समान्य रोगियों के लिए अलग चिकित्सकों व स्टाफ के अलावा प्रवेश, आपरेशन थियेटर, आईसीयू भी बिलकुल अलग था।