कानून व धर्म की पालना करने वाले की रक्षा करता है कानून : मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि जो कानून व धर्म की पालना करता है कानून उसकी रक्षा करता है। जो कानून या धर्म की पालना नहीं करता कानून भी उसकी रक्षा नहीं करता।
भागलपुर। भाई-बहन का अटूट पर्व रक्षाबंधन में चार दिन और है। इस बार यह पर्व खास होगा। भाइयों की कलाई पर विदेशी नहीं स्वदेशी राखिया बंधेंगी। शहर में मारवाड़ी समाज और अन्य महिलाएं खुद राखी बना रही हैं। इनकी राखियों की डिमाड भी खूब है। लोग खुद जाकर राखिया खरीद रहे हैं। घरों से चीन निíमत राखी को निकाल दिया है और स्वदेशी राखियों को घरों व मोहल्लों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। यह राखिया चीन की राखियों को ही नहीं बल्कि उसके कम दाम को भी टक्कर दे रही है। घरों में राखिया पारंपरिक व आसानी से मिलने वाले उत्पादों से तैयार की जा रही है।
राखी बना रहीं नीलम अग्रवाल, सुनीता सराफ, खुशबू ड्रोलिया, ज्योति खेतान, मधु केजरीवाल, ज्योति सिंघानिया, संगीता मावंडिया, नीलम डालमिया, रानी, अनिता, लक्षमी और अन्य महिलाओं ने बताया कि ऐसे तो कई सालों से राखी घर में बना रही हूं। लेकिन, इस बार चीन से तनाव के बाद कुछ अलग स्वेदशी राखिया तैयार हो रही है। घर में बनी राखियों की कीमत चीन के मुकाबले कम है और दिखने में खूबसूरत भी है। मोती, रेशम के धागे और स्वदेशी उत्पाद से राशियों को तैयार किया जा रहा है। लोग इन राखियों को पसंद कर रहे हैं।
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ढाई करोड़ के पास राखी का कारोबार
रक्षाबंधन के मौके पर भागलपुर के बाजारों में राखी का कारोबार हर साल दो से ढाई करोड़ का होता था। इस बार लॉकडाउन के कारण दुकाने अभी बंद है। राखी का बाजार नहीं चल सका है। ऐसे में घर में तैयार राखी ही बहन ने अपने भाइयों की कलाई पर बाधेगी।
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एक करोड़ का राखी डंप है बाजार में
चीन से मनमुटाव के बाद इस बार भागलपुर में राखी नहीं मंगाई गई है। पिछले साल की जींस से मंगाई गई करीब एक करोड़ की राखी बाजार में डंप है। चाइना मार्केट के दुकानदार मु.चिराग, सनीम, मुकेश साह ने बताया कि एक करोड़ की चाइना राखी पड़ी हुई है। दुकान बंद है ऐसे भी इस बार चीन राखियों को को कोई पूछने वाला नहीं है।
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इन इलाकों में होता था कारोबार
राखी का कारोबार शहर के खलीफाबाग चौक, वेरायटी चौक, सुजागंज, लोहा पट्टी, ततारपुर, बूढ़ानाथ रोड, भीखनपुर, तिलकामाझी, हटिया रोड, मुजाहिदपुर, अलीगंज, परबत्ती, नाथनगर और सबौर इलाके रक्षाबंधन के एक सप्ताह पहले से ही राखियों की बिक्री होती थी। इन इलाकों में दर्जनों दुकानें सजती थी। लेकिन, इस बार लॉकडाउन के कारण बाजार नहीं सज सका। हालाकि, कुछ इलाकों में इक्का-दुक्का राखिया रही है।