देशभर में आत्मनिर्भरता के मॉडल के रूप में बने कुवि की पहचान : कुमार
आर्थिक विशेषज्ञ एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक सतीश कुमार ने कहा कि स्वदेशी को बढ़ावा देकर देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आर्थिक विशेषज्ञ एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक सतीश कुमार ने कहा कि स्वदेशी को बढ़ावा देकर देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आम जनता अब विदेशी माल से किनारा कर रही है। ऐसे में अब देश के 37 करोड़ के करीब युवाओं की फौज को स्वयं रोजगार और स्वदेशी की ओर ले जाने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। युवाओं की यही फौज देश को दोबारा विश्वगुरु के मुकाम पर लेकर जाएगी।
उन्होंने ये बात शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग व स्वदेश स्वावलंबन न्यास के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह समारोह के अंतर्गत स्वदेशी से आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सद्भाव विषय पर व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता कही। उन्होंने कहा कि कुवि देश में आत्मनिर्भरता का ऐसा मॉडल तैयार करे जो पूरे भारत में जाना जाए। कुवि के सात जिलों से पांच लाख से अधिक विद्यार्थी जुड़े हैं। विवि के शिक्षकों को इन्हीं विद्यार्थियों में कौशल को विकसित कर मंच प्रदान करना चाहिए, ताकि वे पूरे भारत के लिए रोल मॉडल बन सकें। 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में देश की आम जनता से कहा था कि संकट के इस दौर में लोकल ने ही हमें बचाया है। स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों ने ही हमें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है। हमें इसे ही अपने आत्मनिर्भर बनने का मंत्र बनाना चाहिए। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने स्वदेशी वस्तुओं के प्रोत्साहन के लिए धरातल पर अमलीजामा पहनाने की पहल स्वयं से करनी होगी। उन्होंने कहा कि नॉलेज, स्किल तथा एटिट्यूड (के, एस एंड ए मॉडल) को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यवक्ता को विवि की ओर से श्रीमद्भगवद गीता और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी ने सबका आभार जताया। मंच का संचालन युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डा. महासिंह पूनिया ने किया। इस मौके पर डा. कुमार विनोद, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, आयुष विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डा. कृष्ण जाटियान, प्रो. भगवान सिंह चौधरी, कुटा प्रधान डा. परमेश कुमार, पूर्व कुटा अध्यक्ष डा. संजीव शर्मा, डा. गुरचरण सिंह व डा. दीपक राय मौजूद रहे।