बैन के बाद बीड़ी-सिगरेट को मनचाहे रेट पर बेच रहे करियाणा दुकानदार
कोरोना महामारी से निपटने के लिए अब देश तीसरे चरण के लॉकडाउन में प्रवेश कर गया है। सरकार ने लॉकडाउन लगने के कुछ दिन बाद ही कोरोना बीमारी से लोगों को बचाने व उनकी सेहत बरकरार रखने के लिए तंबाकू व तंबाकू से बनने वाले सभी पेय पदार्थों के बेचने पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया था। लेकिन अब करियाणा स्टोर संचालक मार्केट में बीड़ी-सिगरेट की सप्लाई ना आने का बहाना लगाकर मनचाहे रेट पर बेच रहे है। जिससे जिले का स्वास्थ्य विभाग बे-खबर है।
अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र : कोरोना महामारी से निपटने के लिए अब देश तीसरे चरण के लॉकडाउन में प्रवेश कर गया है। सरकार ने लॉकडाउन लगने के कुछ दिन बाद ही कोरोना बीमारी से लोगों को बचाने व उनकी सेहत बरकरार रखने के लिए तंबाकू व तंबाकू से बनने वाले सभी पेय पदार्थों के बेचने पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया था, लेकिन अब करियाणा स्टोर संचालक मार्केट में बीड़ी-सिगरेट की सप्लाई ना आने का बहाना लगाकर मनचाहे रेट पर बेच रहे है। जिससे जिले का स्वास्थ्य विभाग बे-खबर है।
दैनिक जागरण संवाददाता ने जागरण लाइव के तहत पान-बीड़ी की दुकानों पर जाकर रेट पूछ तो वह दोगुणे पाए। जिस बीड़ी का बंडल लॉकडाउन से पहले मात्र 10 रुपये का मिलता था। वहीं लॉकडाउन में 18 से 20 रुपये का हो गया और जो बंडल 20 रुपये में आता था वो आज 40 से 42 रुपये का हो गया। संवाददाता ने जब इस बारे में दुकानदार से पूछा कि यह तो पहले कम रेट पर मिलते थे। इस पर दुकानदार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण धूम्रपान के सभी पदार्थों की सप्लाई नहीं हो रही है। इसलिए उन्हें ये सब दुगने रेट पर बेचने पड़ रहे है। दुकानदार ने कहा कि अगर वह महंगे रेट पर नहीं बेचेंगे तो वे क्या खाएंगे। बीड़ी के बंडल पर नहीं होता रेट
जागरण पड़ताल में यह भी पता लगा कि सिगरेट के पैकेट को छोड़कर किसी भी बीड़ी के बंडल पर कंपनी की ओर से रेट नहीं लिखा जाता है। जिससे भी दुकानदार अब मनचाहे रेट पर बीड़ी के बंडल बेच रहे है। तंबाकू छोड़ने के थे अच्छे दिन
लॉकडाउन के चलते तंबाकू बैन कर दिया गया। जिसे डॉक्टर उचित भी मान रहे है। क्योंकि तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक होता है। डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि यह समय तंबाकू छोड़ने के लिए काफी बेहतर था। लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से भी तंबाकू का बैन कर दिया गया है। जिससे परिवार के साथ रहकर इसे छोड़ा जा सकता था। लेकिन अब यह जहर बनता जा रहा है।