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कंदौली गांव में जलभराव दे रहा बीमारियों को न्योता

संवाद सहयोगी, बाबैन : कंदौली गांव में रिहायशी क्षेत्र में लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में पुराने जोहड

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 05:09 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 05:09 PM (IST)
कंदौली गांव में जलभराव दे रहा बीमारियों को न्योता
कंदौली गांव में जलभराव दे रहा बीमारियों को न्योता

संवाद सहयोगी, बाबैन : कंदौली गांव में रिहायशी क्षेत्र में लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में पुराने जोहड़ के अटने के कारण गंदे पानी की निकासी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। उसके कारण ग्रामीण स्वच्छता की पहरेदार सरकार के शासनकाल में गंदगी कारण नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं। उसके कारण गांव की गलियों में नालियां पूरा दिन पानी से भरी रहती हैं और कई जगह गलियों में भी पानी खड़ा रहता है। गंदे पानी की निकासी न होने से कई मकानों में भी दरारें आनी शुरू हो गई हैं। फोटो संख्या- 2

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जोहड़ ही बना समस्या : पूर्व सरपंच

पूर्व सरपंच बलदेव ¨सह का कहना है कि उनके गांव का यह जोहड़ ग्रामीणों की सबसे बड़ी परेशानी है और आज तक इस समस्या से ग्रामीणों को निजात नहीं मिल पाई है। उनका घर भी इसी जोहड पर स्थित है, जिससे उनके घरों में बरसात के दिनों में गंदा पानी जमा हो जाता है।

फोटो संख्या- 3

नेता करते हैं बस वादे : राजबीर

ग्रामीण राजबीर ¨सह का कहना है कि चुनावों के समय में नेता यहां पर वोट मांगने के लिए आते हैं और दावा करते हैं कि यदि उन्हें चुनावों में जीत मिली तो वे इस जोहड़ का कायाकल्प करेंगे, लेकिन इनेलो व भाजपा के विधायकों ने चुनने के बाद आज तक भी इस जोहड़ के पानी की निकासी पर ध्यान नहीं दिया है।

फोटो संख्या- 4

पंचायत की आमदन न होने से हो रही दिक्कत : सरपंच

सरपंच रणजीत कौर का कहना है कि उनके गांव की यह बहुत ही पुरानी समस्या है, लेकिन गांव में पंचायत की आमदन का कोई साधन न होने के कारण इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन और विधायक डॉ. पवन सैनी को अवगत कराया है और पंप से समय-समय पर गंदे पानी को खेतों में छोड़ा जाता है, लेकिन अब खेतों में धान की फसल खड़ी है और जैसे ही खेत खाली होंगे तो जोहड़ के पानी को बाहर निकाला जाएगा। बाक्स

ग्रामीणों ने लगाया सरकार पर आरोप

ग्रामीण बलजीत ¨सह, रूपराम, जगमाल ¨सह, संजीव कुमार, राममूर्ति, बबली, अजमेर ¨सह, हर¨जद्र ¨सह, बलबीर ¨सह, रामचंद्र, म¨हद्रो देवी, माया देवी, शकुंतला देवी, लाज्जो देवी आदि कहना है कि उनके गांव की समस्या का प्रशासन अनदेखी कर रहा है।


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