50 लोगों को मिली प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बनाने की स्वीकृति व राशि
थानेसर नगर परिषद में बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र, किश्त की पहली व दूसरी राशि का चेक सौंपा गया, जिसे लेकर लाभार्भियों ने खुशी जाहिर की। मगर इस दौरान सुंदरपुर में डेरा निवासी भी अपनी गुहार लेकर पहुंचे। आवेदन स्वीकार होने के बाद भी जमीन का कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाने की वजह से डेरा के लोगों की राशि अटक गई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थानेसर नगर परिषद में बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र, किश्त की पहली व दूसरी राशि का चेक सौंपा गया, जिसे लेकर लाभार्भियों ने खुशी जाहिर की। मगर इस दौरान सुंदरपुर में डेरा निवासी भी अपनी गुहार लेकर पहुंचे। आवेदन स्वीकार होने के बाद भी जमीन का कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाने की वजह से डेरा के लोगों की राशि अटक गई है। इसकी गुहार उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष उमा सुधा के सामने लगाई। जहां पर पार्षद की स्वीकृति के बाद प्रोपर्टी टेक्स सर्वे के रिकॉर्ड में डेरा के लोगों का नाम चढ़ाने का आश्वासन दिया। योजना के नोडल आफिसर मदन चौहान और अमनदीप कौर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। 17 को मकान तोड़ने की स्वीकृति
उस समय उन लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें हाथ में प्रथम और द्वितीय किश्त प्रदान की गई। इस दौरान 17 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना पक्का मकान बनाने के लिए मकान तोड़ने की स्वीकृति मिल गई। जबकि 20 लोगों को प्रथम किश्त और 13 लोगों को द्वितीय किश्त प्रदान की गई। जमीन का साक्ष्य नहीं मिलने से नहीं मिला रहा लाभ
सुंदरपुर के डेरा निवासी शानो देवी ने बताया कि 40 और 50 साल से करीब 20 परिवार गांव की पंचायती जमीन पर रहते हैं। ग्रामीणों ने उन्हें 50 साल पहले बसाया था। अब उनके मकानों की हालत खराब है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन किया था, लेकिन कर्मचारी बताते हैं कि उनके पास घर की जमीन का कोई साक्ष्य नहीं है। इस मामले में पार्षद ने भी नगर परिषद में उनकी समस्या उठाई थी और अब नगर परिषद अध्यक्ष ने भी उन्हें जल्द इस समस्या का हल करने का आश्वासन दिया है। अब मिल पाएगी पक्की छत
वार्ड एक के मसीता हाउस निवासी निर्मल ने बताया कि मकान तोड़ने के लिए उन्हें आज स्वीकृति मिलेगी। इसके बाद वे सरकार द्वारा दिए गए पैसों से अपना मकान बना सकेंगी। सरकार की इस योजना से उनके परिवार को काफी सहारा मिलेगा। पक्की छत के नीचे रह सकेंगे। टीन की छत के नीचे कर रहे थे गुजारा
कीर्तिनगर निवासी पम्मी ने बताया कि उनका मकान की छत लोहे की टीन से बनी हुई है। जिसमें से बारिश, गर्मी और सर्दी नहीं रुकती। सरकार ने उन्हें पक्की छत देने का काम किया है। इसके लिए वे सरकार के आभारी हैं। उन्हें यह आशा नहीं थी कि उनके सिर पर कभी पक्की छत भी होगी। अभी भी करा सकते हैं आवेदन जमा
नगर परिषद अध्यक्ष उमा सुधा ने कहा कि राज्य शहरी विकास प्राधिकरण के नियमानुसार अभी भी योग्य प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना आवेदन जमा करवा सकते है। जिन लोगों की छत कड़ियों की हैं और जो किराए पर रह रहे हैं वह भी इस योजना के तहत अपना आवेदन जमा करवा सकते है। भारतीय क्षेत्रीय संरचना के आधार पर ग्रामीण और शहरी दो भागों में विभाजित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य में भारत में ग्रामीण इलाकों में कच्चे और असुविधायुक्त घरों में रह रहे लोगों को आधारभूत सुविधाओं से युक्त लगभग एक करोड़ पक्के घर उपलब्ध करवाना है। इस योजना में लगने वाला खर्च केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।