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प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है, यह गजल मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर (मैक) की भरतमुनि रंगशाला में हरिरंगम नाम से आयोजित तीन दिवसीय उत्सव के समापन अवसर पर गजल गायक डॉ. सुधीर शर्मा ने गुनगुनाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 01:43 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 01:43 AM (IST)
प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है
प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है, यह गजल मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर (मैक) की भरतमुनि रंगशाला में हरिरंगम नाम से आयोजित तीन दिवसीय उत्सव के समापन अवसर पर गजल गायक डॉ. सुधीर शर्मा ने गुनगुनाई। मौका था मैक की भरतमुनि रंगशाला की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित हरियाणा रंग महोत्सव का। हरिरंगम में पहले दिन जहां नाटक फंदी का मंचन हुआ। दूसरे दिन हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा लोक गीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। आखिरी दिन महफिल-ए-गजल सजी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक जेल संजय ¨सह बतौर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मैक रोहतक मंडल के क्षेत्रीय निदेशक गजेंद्र फौगाट ने की। कार्यक्रम में मंच का संचालन विकास शर्मा तथा दीपक कौशिक ने किया। क्षेत्रीय निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. सुधीर शर्मा ने, सुनते हैं मिल जाती है हर चीज दुआ से इक रोज तुम्हें मांग के देखेंगे खुदा से सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद सुधीर ने अपनी गायकी से ऐसा समां बांधा कि सभी श्रोता ़ग•ालों के समंदर में उतरते चले गए। ठुकराओ या प्यार करो मैं नशे में हूं, होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है, होठों से छूलो तुम मेरा गीत अमर करदो जैसी गजलों से सभी को मदहोश कर दिया। सुर और शब्दों के दरिया में गजल के चाहने वालों ने जमकर डुबकी लगाई। चिट्ठी न कोई संदेश जाने वो कौनसा देश जहां तुम चले गए, ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी जैसी गजलों ने गजल सम्राट जगजीत ¨सह की याद दिलाई। सुधीर शर्मा ने श्रोताओं की पंसद पर झुकी-झुकी सी नजर बेकरार आज भी है, प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है तथा बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी जैसी गजलें सुनाई।

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संजय ¨सह ने कहा कि गजल गायकी में जगजीत ¨सह का कोई जवाब नहीं, लेकिन सुधीर शर्मा की गायकी ने भी उनकी याद दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। महफिल-ए-गजल में नवनीत कुमार, सतीश, प्रदीप ने सुधीर शर्मा का साथ दिया। इस मौके पर रंगकर्मी बृज शर्मा, श¨लद्र पराशर, नरेश सागवाल, योगेश योगी, एमपी गुप्ता, शिवकुमार किरमिच आदि उपस्थित रहे।


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