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कार्य में दक्षता के लिए जीवन भर सीखना जरूरी : सचदेवा

कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि किसी भी कार्य में दक्षता के लिए जीवन भर सीखते रहना जरूरी है। आजीवन सीखने वाला बनना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 07:49 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 07:49 AM (IST)
कार्य में दक्षता के लिए जीवन भर सीखना जरूरी : सचदेवा
कार्य में दक्षता के लिए जीवन भर सीखना जरूरी : सचदेवा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि किसी भी कार्य में दक्षता के लिए जीवन भर सीखते रहना जरूरी है। आजीवन सीखने वाला बनना चाहिए। वह बुधवार को कुवि के बायोकेमिस्ट्री विभाग की ओर से बायोलॉजिकल एडवांसमेंट इन वैक्सींस पर एक दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

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उन्होंने कहा कि वैक्सीन से कोरोना वायरस पर काबू पाया जा रहा है। इस एक वायरस ने पूरी मानवता के सामने खतरा पैदा कर दिया है। उन्होंने वेबिनार में शामिल सभी लोगों को बधाई दी। कुवि की डीन अकेडमिक अफेयर्स एवं कार्यक्रम की सह संरक्षक प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने कहा कि वैक्सीन विकास एक लंबी, जटिल प्रक्रिया है। यह अक्सर 10-15 साल तक चलती है और इसमें सार्वजनिक और निजी भागीदारी शामिल होती है। डीन आफ लाइफ साइंस प्रोफेसर समिता चौधरी ने कहा कि 20वीं शताब्दी के दौरान विकसित टीकों के विकास, परीक्षण और विनियमन के लिए वर्तमान प्रणाली में प्रक्रियाओं और नियमों को मानकीकृत किया था। बायोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो. रंजन गुप्ता ने बताया कि जैव रसायन का क्षेत्र वैक्सीन विकास के क्षेत्र में वरदान के रूप में उभर रहा है। वेबिनार में सह-संस्थापक और सीईओ सिम्फनीटेक बायोलाजिक्स फिलाडेलफिया यूएसए डा. नरेंद्र चिरमुलेने ने वैक्सीन विकास प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इस मौके पर डा. सुनील के अरोड़ा, डा. कोरी जेबिशप भी वेबिनार से जुड़े रहे।

यूजीसी नेट परीक्षा के लिए आनलाइन कोचिग देगा कुवि

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार कुवि के महात्मा गांधी अखिल भारतीय सेवा प्रशिक्षण संस्थान की ओर से यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिग दी जाएगी। प्रदेश के एससी, बीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों के लिए यह कोचिग निश्शुल्क होगी।

संस्थान की निदेशक प्रो. निर्मला चौधरी ने बताया कि यूजीसी नेट परीक्षा के प्रथम पेपर की कोचिग 16 दिनों की अवधि के लिए आनलाइन माध्यम से छह से 21 जुलाई तक दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के एससी, बीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थी इस कोचिग के लिए 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं।

संस्थान के उप-निदेशक डा. ज्ञान चहल ने बताया कि कोचिग कार्यक्रम प्रतिदिन दो बजे सांय से सात बजे तक आनलाइन माध्यम से संचालित होगा। इसमें यूजीसी नेट के प्रथम पेपर का पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। इस कोचिग कार्यक्रम एवं कोचिग के लिए आवेदन करने के बारे में पूर्ण जानकारी विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दी गई है।


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