Move to Jagran APP

संस्कृति और संस्कारों की जननी है प्राचीन सरस्वती नदी : इंद्रेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश ने कहा कि प्राचीन सरस्वती नदी के तट पर ही संस्कृति और संस्कारों ने जन्म लिया और पूरी दुनिया ने शिक्षा का पाठ भी पढ़ा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:00 AM (IST)
संस्कृति और संस्कारों की जननी है प्राचीन सरस्वती नदी : इंद्रेश
संस्कृति और संस्कारों की जननी है प्राचीन सरस्वती नदी : इंद्रेश

संवाद सहयोगी, पिहोवा (कुरुक्षेत्र) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश ने कहा कि प्राचीन सरस्वती नदी के तट पर ही संस्कृति और संस्कारों ने जन्म लिया और पूरी दुनिया ने शिक्षा का पाठ भी पढ़ा है। इस पवित्र नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए सरकार की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे हैं। वे बुधवार को पिहोवा के सरस्वती तट पर हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड और प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के समापन अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, शुगर फेड के चेयरमैन हरपाल सिंह चीका, एसीएस अमित झा, खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह के प्रतिनिधि विक्रमजीत सिंह, सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज, डीसी धीरेंद्र खड़गटा, एसडीएम डॉ. संजय कुमार, बोर्ड के सीईओ भारत भूषण शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर के साथ समापन अवसर पर दीप शिखा प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संगीत विभाग के प्रोफेसर सूचि स्मिता की तैयार मां सरस्वती आरती की सीडी का विमोचन किया।

loksabha election banner

आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश ने प्रदेशवासियों को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हरियाणा का सौभाग्य है कि इस पावन धरती से सरस्वती नदी का बहाव रहा। सरस्वती नदी के लुप्त होने के बाद लोगों को पानी बचाने का सबक देना चाहिए। आज लोगों को अपनी जरूरत के हिसाब से ही पानी का उपयोग करना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। आज एक अच्छे समाज का निर्माण करने के लिए अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार ग्रहण करने चाहिए।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि आदिबद्री से सरस्वती नदी का उद्गम हुआ और समय के साथ ही सरस्वती नदी लुप्त हो गई। लुप्त सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड प्रयास कर रही है। वेदों में गंगा से भी ज्यादा सरस्वती को पवित्र माना गया है। इसकी पवित्रता को देखते हुए सरकार नदी को दोबारा धरातल पर लाने के बहुत बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है। मंच का संचालन डॉ. पवन आर्य ने किया। इस मौके पर नगर निगम यमुनानगर के संयुक्त आयुक्त भारत भूषण शर्मा, भाजपा महामंत्री रविद्र सांगवान, भाजपा के वरिष्ठ नेता गुरनाम मलिक सारसा, शिव सेना हिन्दुस्तान के जिलाध्यक्ष जगीर मोर, नरेश, सुरेंद्र, जयभगवान गोयल, सुभाष कटियाल, रामधारी शर्मा व महंत तरण दास मौजूद रहे।

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया महाआरती में भाग

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के समापन पर सरस्वती तीर्थ के तट पर महाआरती की गई। इसमें आरएसएस के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश समेत सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.