सरस मेले में शिल्पकारों की हाथों की कारीगरी लुभा रही है पर्यटकों को
इस आधुनिक दौर में हाथ की कारीगरी से बनाएं जाने वाल वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाने का काम अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कर रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: इस आधुनिक दौर में हाथ की कारीगरी से बनाएं जाने वाल वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाने का काम अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कर रहा है। इस महोत्सव में हाथ की कारीगरी से बनी अनेक वस्तुओं को ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देखा जा रहा है। सरस मेले में बांस से बने सच्जों सामान को लेकर आए शिल्पी विजय रविदास ने बताया कि वह गुवाहाटी असम से आए हैं। यह शिल्पकार बांस से बनी वस्तुएं लेकर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आया है और यह वस्तुएं वह बांस को काटकर बनाते हैं।
विजय ने बताया कि इन वस्तुओं को बनाने के लिए वे चार लोग है जो कि दिन रात मेहनत करके बांसों को काटकर उनसे अनेक तरह की घर को सजाने वाले सच्जों सामान बनाते हैं। वस्तु के आकार और उसकी सजावट के अनुसार एक वस्तु बनाने पर कम से कम एक दिन का समय लगता है। इस मेले में वह बांस से बनी फूलदानी, जंगला, पाइप सिनरी, बैकपिन, कंघी, लैम्प, एस फुलदानी, माली प्लेट ट्रे, लैटर बाक्स आदि सामान लेकर आया है जो कि पर्यटकों को अपनी ओर आर्किषत कर रहा है। यह सामान घरों की सजावट में बहुत ही प्रयोग किया जाता है। विजय ने बताया कि इस सामान की कीमत 100 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक की है।