पहचान है तो कुवि में काम जल्द, नहीं तो कर्मचारी छुट्टी पर
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : समय करीब 12 बजे का था। छात्र रिजल्ट जानने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा में गए तो वहां सीट पर कर्मचारी नहीं था। पूछने पर बताया गया कि छुट्टी पर हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : समय करीब 12 बजे का था। छात्र रिजल्ट जानने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा में गए तो वहां सीट पर कर्मचारी नहीं था। पूछने पर बताया गया कि छुट्टी पर हैं। उसके बाद अधीक्षक की सीट की ओर देखा और उनके बारे में पूछा तो पता चला कि वो भी छुट्टी पर हैं। आसपास दूसरे कर्मचारियों से अंकतालिका के बारे में जानने का प्रयास किया तो उन्होंने अनभिज्ञता जता दी। आखिर किससे बात करे। यह पहला नहीं दूसरा दिन था कि विद्यार्थी को कोई बताने वाला नहीं है। फिर एक जानकार से बात की तो उन्होंने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में फोन कर बात कराई तो अंकतालिका के बारे में जानकारी मिल गई। यही हाल कुवि की परीक्षा शाखा के कर्मचारियों का है। जो जानकार हैं या किसी कर्मचारी को जानते हैं तो काम जल्द हो जाएगा नहीं तो काम को टालने की प्रवृति हर कर्मचारी की है। परीक्षा नियंत्रक कार्यालय ने की छात्र से बात परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में बैठे कर्मचारियों ने छात्रों से अच्छे से बात की और उन्हें पूरी बात बताने के लिए भी कहा। हालांकि बाद में छात्र ने उनकी बात कराई तो उन्होंने थोड़े ज्यादा गौर से कार्य को किया। उनके फोन करने के बाद उसी कार्यालय में बैठे दूसरे कर्मचारी ने अंकतालिका के बारे में जानकारी दे दी की वह कहां गई है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि अधीक्षक छुट्टी पर हैं और कहां गए हैं। बाक्स
दूरवर्ती शिक्षा केंद्र की स्थिति बेहतर - अंकतालिका दूरवर्ती शिक्षा केंद्र में चली गई है, क्योंकि विद्यार्थी ने वहीं से आवेदन किया था। वहां पर भी पता चला कि अक्टूबर में अंकतालिका चली गई, लेकिन विद्यार्थी को नहीं मिली। आखिर वो गई कहां तो यह जवाब तो कर्मचारी नहीं दे पाया, लेकिन बोला कि सर अगर वापस आती है तो दर्ज जरूर होती है। इसके अलावा मैं तो कच्चा कर्मचारी हूं आप बड़े अधिकारियों से बात कर लें। उनकी भी अधीक्षक छुट्टी पर थी तो बात नहीं हो पाई। फोटो संख्या- 12
घंटों घूमने के बाद भी नहीं मिलती सही जानकारी छात्र भगवानदास ने बताया कि परीक्षा शाखा में घंटो घूमने के बाद भी सही जानकारी नहीं मिल पाती है। एक तो कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करते और बात करते हैं तो कहते हैं कि थोड़ी देर खड़ा नहीं रह सकता। जल्दी है तो कहीं ओर से करा ले। हालांकि थोड़ी मान मनौव्वल करने के बाद कर्मचारी काम करते हैं। आखिर काम जब इनका है तो समय पर क्यों नहीं किया जाता कि हमें यहां आना ही न पड़े। फोटो संख्या- 13
छात्र सुनील कुमार का कहना है कि वो दूसरे जिलों से आते हैं और अपनी अंकतालिका या रिजल्ट पूछते हैं तो शायद कर्मचारियों को अच्छा नहीं लगता। उसका कहना है कि ऐसे बात करते हैं जैसे हमारे ऊपर एहसान कर रहे हैं और हम उन्हें तंग कर रहे हैं। सुनील कैथल से आया था अपना रिजल्ट पता करने के लिए। उसका रिजल्ट तो बता दिया, लेकिन अच्छा महसूस नहीं हुआ।